लखीमपुर खीरी हत्याकांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को SC से मिली सशर्त जमानत, राकेश टिकैत ने उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुरी हिंसा मामले में जेल में बंद आशीष मिश्रा को आठ हफ्ते के लिए सशर्त जमानत दे दी है। आशीष मिश्रा पर अपनी गाड़ी से किसानों को कुचलने का आरोप है। इतना ही नहीं, कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि आशीष मिश्रा जमानत के दौरान जहां-जहां रहेंगे, इसकी जानकारी संबंधित कोर्ट व थाने को मुहैया करवानी होगी। बता दें कि आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुकदमा खत्म होने तक किसी को जेल में रखना उचित नहीं है। आशीष मिश्रा तकरीबन एक साल से अधिक समय से जेल में कैद है। अब सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत देते हुए कहा कि आशीष मिश्रा न तो दिल्ली जा सकेंगे और न ही यूपी में ठहर सकेंगे क्योंकि वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। जमानत के दौरान आशीष मिश्रा जहां-जहां रहेंगे, इसकी जानकारी संबधित कोर्ट व थाने को मुहैया करवानी होगी। ऐसा न करने पर जमानत रद्द होने का भी आदेश कोर्ट ने दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर केस में बाकी सभी आरोपियों को भी बेल देने का आदेश दिया है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट खुद मामले की निगरानी करेगा। संबंधित कोर्ट से विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी फरमान सुनाया है।
खीरीकांड में चारों किसानों को अंतरिम जमानत राहत की बात है लेकिन मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत से किसानों में रोष है। केस का ट्रायल जल्द खत्म हो और किसानों के हत्यारोपियों समेत गृहराज्यमंत्री टेनी को भी सजा मिले तभी पूर्ण न्याय मिलेगा। @ANI @PTI_News @SupremeCourtIND pic.twitter.com/EniT3XSeUF
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) January 25, 2023
क्या है मामला
लखीमपुर जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में 3 अक्टूबर 2021 को हिंसा हुई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के इशारे पर थार जीप से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया गया था। इस घटना में चार किसानों की मौत हो गई थी। हिंसा भड़कने के बाद कुल 8 लोगों की जान चली गई थी। यहां पर किसान तीन कृषि कानून के विरोध में धरना दे रहे थे और मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठे हुए थे। इस घटना में कई किसानों की जान चली गई थी, जबकि कुछ किसान गंभीर रूप से घायल हुए थे।
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