लखीमपुर हिंसा: मंत्री अजय मिश्रा के बेटे समेत सभी आरोपियों की मुश्किलें बढ़ीं, कोर्ट ने एसआईटी को कम आरोपों को हत्या के प्रयास में बदलने की अनुमति दी

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) समेत सभी 14 आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अदालत ने मंगलवार को लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) की जांच कर रही एसआईटी (SIT) को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे सहित आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी में हत्या के प्रयास का आरोप जोड़ने की अनुमति दी है। क्योंकि, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने कहा कि लखीमपुर खीरी कांड एक "पूर्व नियोजित साजिश" थी।
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा मामले के सभी आरोपियों को मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चिंता राम की अदालत में पेश किया गया था। जहां अदालत ने 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत के संबंध में अजय मिश्रा के बेटे सहित आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी में हत्या के प्रयास का आरोप जोड़ने की इजाजत दी।
एसआईटी ने आरोपियों के खिलाफ धारा 307, 326, 302, 34, 120बी, 147, 148, 149, 3/25/30 के तहत मुकदमा चलाएगी। बता दें कि इन धाराओं में मुकदमा चलाने के लिए एसआईटी ने कोर्ट में एक अर्जी थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इससे पहले इन सभी आरोपियों के खिलाफ पहले धारा 279, 338, 304ए के तहत मामला दर्ज किया गया था।
गौरतलब है कि लखीमपुर के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का विरोध किया था। इस दौरान किसानों ने उन्हें काले झंडेभी दिखाए थे। इसी दौरान एक वाहन पिछे से आता है और किसानों की भीड़ को रौंदता हुआ आगे निकल जाता है।
इस घटना में चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद हिंसा भड़क उठी थी। हिंसा के दौरान एक पत्रकार समेत 4 अन्य लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया था।
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