PM मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी के घर पहुंचकर दी जन्मदिन की शुभकामनाएं, राजनाथ सिंह और गृह मंत्री भी रहे मौजूद

PM मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी के घर पहुंचकर दी जन्मदिन की शुभकामनाएं, राजनाथ सिंह और गृह मंत्री भी रहे मौजूद
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LK Advani Birthday: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी का आज जन्मदिन है। वह 96 साल के हो गए हैं। इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी उनके आवास पर पहुंचकर जन्मदिन की शुभकामानाएं दी है।

LK Advani Birthday: देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल लालकृष्ण आडवाणी का आज जन्मदिन है। वह 96 साल के हो गए हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। इस दौरान जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत तमाम वरीय नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दी है।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

इससे पहले पीएम मोदी ने एक्स पर भी बधाई दी थी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की बधाई। वह ईमानदारी और समर्पण के प्रतीक हैं जिन्होंने हमारे देश को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने राष्ट्रीय प्रगति और एकता को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा आगे कहा कि मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करता हूं। राष्ट्र निर्माण के प्रति उनके प्रयास 140 करोड़ भारतीयों को प्रेरित करते रहेंगे।

अमित शाह ने दी शुभकामनाएं

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आदरणीय लाल कृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। आडवाणी ने अपने अथक परिश्रम और संगठनात्मक कौशल से पार्टी को पोषित करने और कार्यकर्ताओं को तैयार करने का काम किया। भाजपा की स्थापना से लेकर सत्ता में आने तक आडवाणी का अतुलनीय योगदान एक शाश्वत स्रोत है। मैं ईश्वर से उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करता हूं।

लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक करियर

आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को विभाजन-पूर्व सिंध में हुआ था। कराची के सेंट पैट्रिक स्कूल में एक छात्र के रूप में, उनके देशभक्तिपूर्ण आदर्शों ने उन्हें 1942 में 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। 1947 में विभाजन के बाद लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली चले आए और राजस्थान में आरएसएस के प्रचारक बन गए। 1947 से 1951 तक, उन्होंने कराची शाखा में आरएसएस सचिव के रूप में अलवर, भरतपुर, कोटा, बूंदी और झालावाड़ में आरएसएस कार्य का आयोजन किया।

वह 1951 में भाजपा के पूर्ववर्ती जनसंघ का हिस्सा बने, जब इसका गठन श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने किया था। उन्हें राजस्थान में पार्टी की इकाई के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। 1957 की शुरुआत में अटल बिहारी वाजपेयी की सहायता के लिए उन्हें दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया। वह 1970 में राज्य सभा के सदस्य बने और 1989 तक इस सीट पर रहे। दिसंबर 1972 में, वह भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष चुने गए।

उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ 1980 में भाजपा की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह भाजपा की आक्रामक और जुझारू हिंदुत्व विचारधारा के चेहरे के रूप में उभरे। उन्होंने 1990 के दशक में वाजपेयी के साथ पार्टी के उत्थान की योजना बनाई और भाजपा को 1984 में दो संसदीय सीटों से 1992 में 121 सीटों और 1996 में 161 सीटों तक पहुंचाया। 1996 के चुनावों को भारतीय लोकतंत्र में एक ऐतिहासिक मोड़ बना दिया। आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस को उसकी प्रमुख स्थिति से हटा दिया गया और भाजपा लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई।

उन्हें 1975 में मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्रित्व काल में जनता पार्टी में सूचना और प्रसारण मंत्री नियुक्त किया गया था। उन्होंने 1998 और 1999 में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री और 2002 में उप प्रधान मंत्री के रूप में भी कार्य किया।

राम जन्मभूमि आंदोलन

1990 के दशक में वह राम जन्मभूमि आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे। राम रथ यात्रा 25 सितंबर, 1990 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर सोमनाथ से शुरू हुई थी और 10,000 किमी की यात्रा के बाद 30 अक्टूबर को अयोध्या में समाप्त होनी थी। यात्रा का मकसद राम मंदिर निर्माण के अभियान के लिए समर्थन हासिल करना था।

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