Coronavirus : सपनों का घर बनाने का सुनहरा मौका, लॉकडाउन से सस्ती होंगी जमीन की दरें

Coronavirus : सपनों का घर बनाने का सुनहरा मौका, लॉकडाउन से सस्ती होंगी जमीन की दरें
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Coronavirus : कोविड-19 का रियल एस्टेट बाजार पर अच्छा खासा प्रभाव पड़ने वाला है। लेकिन एक तरीके से देखा जाए तो आमजन को रियल एस्टेट सेक्टर में फायदा भी होने वाला है। भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) इंदौर के स्ट्रेटजी एंड इंटरनेशनल बिजनेस के प्रोफेसर डॉ. प्रशांत सल्वान ने बताया कि लॉकडाउन से इनपुट लागत बढ जाएगी।

Coronavirus : कोविड-19 का रियल एस्टेट बाजार पर अच्छा खासा प्रभाव पड़ने वाला है। लेकिन एक तरीके से देखा जाए तो आमजन को रियल एस्टेट सेक्टर में फायदा भी होने वाला है। भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) इंदौर के स्ट्रेटजी एंड इंटरनेशनल बिजनेस के प्रोफेसर डॉ. प्रशांत सल्वान ने बताया कि लॉकडाउन से इनपुट लागत बढ जाएगी।

मतलब सीमेंट, सरिया, टाइल्स सहित अन्य सामान महंगे होंगे, लेकिन जो घर या फ्लैट बन चुके हैं, उनकी कीमतों में गिरावट होगी। इसलिए यदि आपके पास नगदी की व्यवस्था है या जॉब सिक्योरिटी है तो यह सबसे अच्छा समय है घर खरीदने का। डॉ. सल्वान बताते हैं कि कोरोना संक्रमण से निटपने के बाद अब घर वही ले पाएगा, जिसके पास या तो नगद होगा या जॉब के साथ उसकी सिक्योरिटी भी होगी।

बैंक जॉब सिक्योरिटी के बाद ही लोन देगी। ऐसे में घर खरीदने वालों की संख्या में कमी आएगी। प्रॉपर्टी निकालने के लिए बिल्डर का अपना मार्जिन कम करना होगा और ऐसे में 10 से 15 प्रतशित तक की प्रॉपर्टी में गिरावट हो सकती है। कुल मिलाकर जो सक्षम है उन्हें घर बनाने की जगह अब घर खरीदने को तवज्जो देना चाहिए।

इंदौर, पीथमपुर सहित औद्योगिक क्षेत्रों में 6 महीने बाद आएगा निवेश

इंदौर, पीथमपुर सहित औद्योगिक क्षेत्रों में 6 महीने बाद निवेश तेजी से आने की पूरी उम्मीद है। जिससे स्पेशल इकोनॉमी जोन तो संभलेगा ही, साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। लॉकडाउन खत्म होने के बाद जैसे-जैसे कैश की समस्या होगी। यह सेक्टर प्रभावित होगा, लेकिन चीन से कई कंपनियां भारत आ रही है। इससे यह सेक्टर नकारात्मक नहीं जाएगा। प्रदेश सरकार यदि कंपनियों को आकृषित कर पाती है तो इसे उपलब्धी के तौर पर देखा जाएगा।

कमर्शियल स्पेस में आएगी कमी, हॉस्पिटैलिटी में 2 प्रतिशत की कमी

कोविड-19 ने लोगों की सोच को भी बदला है। अब वर्क फ्रॉम होम की ओर कंपनियां जा रही हैं। ऐसे में कमर्शियल स्पेस में कमी आएगी। कंपनी छोटे से क्षेत्र में भी अपना काम चला लेगी। कमर्शिलय स्पेस भी कम बिकेंगे, इसकी जगह अब लीज व्यवस्था तेजी से बढ़ेगी। रिटेल स्पेस में पांच प्रतिशत की गिरावट होगी। हॉस्पिटैलिटी स्पेस व्यवसाय में वृद्धि के लिए यात्रा बढ़ेगी। 2020-2021 के लिए 2 प्रतिशत की कमी होगी। उसके बाद धीरे-धीरे यह सेक्टर भी वापसी करेगा।

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