Loan Moratorium case पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब और नहीं मिलेगी राहत, ये है पूरा फैसला

Loan Moratorium Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लोन मोरेटोरियम (Loan Moratorium) को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई के दौरान लोन मोरेटोरियम पॉलिसी पर दखल देने से साफ इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि लोन मोरेटोरियम अवधि नहीं बढ़ेगी। कोई ब्याज मांफ नहीं होगा। किसी और वित्तीय राहत देने से मना कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को दौरान कहा कि सरकार पहले की कई कर्जदारों का चक्रवृद्धि ब्याज माफ कर चुकी है। ऐसे में अब आगे कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता है। हम कोई फाइनेंस एडवाइजर नहीं है। कोरोना काल में सरकार को भी कई तरह से नुकसान हुआ। सरकार को कम टैक्स मिला। इसलिए ब्याज को पूरी तरह से माफ नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने से साफ मना कर दिया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पूरी तरह से ब्याज माफी नहीं मिलेगी, कंपाउंड ब्याज भी रिफंड होगा। पूर्ण ब्याज की छूट संभव नहीं है। क्योंकि यह जमाकर्ताओं को प्रभावित करता है। आरबीआई, केंद्र द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से यह नहीं कह सकते कि उन्होंने उधारकर्ताओं के मुद्दों को संबोधित नहीं किया। अगर किसी बैंक ने ब्याज पर ब्जाय लगाकर लिया है तो उसे वह लौटाना होगा।
इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा कि किसको राहत पैकेज दिया जाए ये सरकार और केंद्रीय बैंक से बातचीत के बाद ही तय होगा। इस मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच ने की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह देश भर में प्रभावित होने वाली महामारी के दौरान राहत के लिए प्राथमिकताओं को ठीक करने के सरकार के फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। फिलहाल, न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने पिछले साल 17 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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