Mahua Moitra Controversy: लोकसभा समिति ने निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत को भेजा नोटिस, जानें पूरा मामला

Mahua Moitra Controversy: लोकसभा समिति ने निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत को भेजा नोटिस, जानें पूरा मामला
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Mahua Moitra Controversy: संसद की आचार समिति 26 अक्टूबर को तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ "कैश-फॉर-क्वेरी" शिकायत पर बीजेपी नेता और सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय आनंद देहाद्राई की सुनवाई करेगी।

Cash For Query Scam: संसद की आचार समिति 26 अक्टूबर को तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ "कैश-फॉर-क्वेरी" शिकायत पर बीजेपी नेता और सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय आनंद देहाद्राई की सुनवाई करेगी। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी की ओर से संसद में "सवाल पूछने के लिए घूस लेने" का आरोप लगाया है।

निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर लगाया ये आरोप

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को दी गई अपनी शिकायत में निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि तृणमूल सांसद ने संसद में जो 61 सवाल पूछे थे, उनमें से 50 सवाल हीरानंदानी और उनके समूह के "व्यावसायिक हितों की रक्षा या उन्हें कायम रखने" के इरादे से थे। बीजेपी सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष से मोइत्रा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक "जांच समिति" गठित करने की मांग की।

महुआ मोइत्रा ने आरोपों को किया खारिज

बीजेपी सांसद ने इसके साथ ही यह भी आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा ने अपनी लोकसभा वेबसाइट की लॉगिन एक्सेस संबंधित व्यवसायी को साझा की। दुबे ने दावा किया कि वकील जय अनंत देहाद्राई ने मोइत्रा और दर्शन हीरानंदानी के बीच रिश्वत के आदान-प्रदान के सबूत साझा किए थे। हालांकि, मोइत्रा ने बीजेपी सांसद के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दुबे के द्वारा लगाए जा रहे आरोप बिल्कुल गलत हैं। उसमें तनिक भी सच्चाई नहीं है।

लोकसभा की 15 सदस्यीय कमेटी कर रही जांच

बता दें कि लोकसभा की एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष बीजेपी सांसद विनोद सोनकर हैं। उनकी अध्यक्षता में ही लोकसभा की 15 सदस्यीय कमेटी महुआ मोइत्रा के मामले की जांच होगी। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे से महुआ मोइत्रा के खिलाफ उनके आरोपों के पक्ष में सबूत मांगे दिखाने के लिए कहा जाएगा। बताते चलें की एथिक्स कमेटी का काम किसी भी सांसद पर लगे संसदीय आचरण से जुड़े आरोपों की जांच करना है। लोकसभा स्पीकर की ओर से किसी भी मामले की शिकायत भेजी जाती है, उसकी जांच यही कमेटी करती है।

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