प्रचंड मोदी लहर पर सवार भाजपा ने हासिल की 300 से ज्यादा सीटें

प्रचंड मोदी लहर पर सवार भाजपा ने हासिल की 300 से ज्यादा सीटें
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देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘प्रचंड लहर' पर सवार भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में 300 से ज्यादा सीटें हासिल करने के बाद शुक्रवार को सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी वहीं कांग्रेस में जबरदस्त पराजय के बाद पार्टी के बड़े नेताओं के इस्तीफे आने शुरू हो गए हैं।

देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'प्रचंड लहर' पर सवार भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में 300 से ज्यादा सीटें हासिल करने के बाद शुक्रवार को सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी वहीं कांग्रेस में जबरदस्त पराजय के बाद पार्टी के बड़े नेताओं के इस्तीफे आने शुरू हो गए हैं। गुरुवार सुबह शुरू हुई वोटों की गिनती लगभग समाप्त होने वाली है जहां भाजपा को अभी तक 302 सीटों पर जीत मिल गई है तथा एक सीट पर वह आगे चल रही है।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 282 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इस साल के आम चुनाव में उसे 303 सीटें मिलने की संभावना है। वहीं, कांग्रेस को इस बार 52 सीटें मिली हैं जो पिछले चुनाव में मिली 44 सीटों से ज्यादा हैं। हालांकि इन सीटों के साथ एक बार फिर कांग्रेस को संसद में विपक्षी दल का दर्जा प्राप्त नहीं हो सकेगा। इसके लिए पार्टी के पास कम से कम 54 सीटें होना अनिवार्य है।

क्षेत्रीय दलों में सबसे ज्यादा 23 सीटें द्रमुक को

क्षेत्रीय दलों में सबसे ज्यादा 23 सीटें द्रमुक के हिस्से में आई हैं। वहीं, तृणमूल कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस को 22-22 सीटें मिली हैं। भाजपा के सहयोगी दलों शिवसेना को 18, जद(यू) को 16 और लोजपा को छह सीटें मिली हैं। हालांकि महागठबंधन के बावजूद उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय दलों का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है। बसपा को महज 10 सीटें मिली हैं जबकि सपा के हिस्से में पांच सीटें आई हैं। यहां भाजपा को 62 और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) को दो सीटें मिली हैं।

वाम दलों का प्रदर्शन बेहद खराब

वाम दलों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है और उन्हें (भाकपा और माकपा) महज पांच सीटें मिली हैं। पिछली बार इन्हें 10 सीटें मिली थीं। मोदी की प्रचंड लहर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की अपनी परंपरागत अमेठी सीट से हार गए हैं। हालांकि उन्हें केरल की वायनाड से जीत हासिल हुई है।

यूपी से राज बब्बर ने भेजा इस्तीफा

हार के बाद जहां राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने पर सवाल उठने लगे वहीं पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राज बब्बर, ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक और कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष एच के पाटिल ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे भेज दिए हैं। बब्बर उत्तर प्रदेश की फतेहपुर सीकरी सीट से 4.95 लाख वोटों के अंतर से हार चुके हैं। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के लिए नतीजे निराशाजनक हैं। मैं सही तरीके से अपनी जिम्मेदारी नहीं अदा कर पाने के लिए खुद को दोषी मानता हूं।

ओडिशा से निरंजन ने भेजा इस्तीफा

पटनायक ने कहा कि मैंने ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष को भेज दिया है। ओडिशा में कांग्रेस को केवल एक लोकसभा सीट और नौ विधानसभा सीटों से संतोष करना पड़ा है। पटनायक खुद भी विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। राज्य की 21 लोकसभा सीटों में 8 भाजपा के खाते में चली गयीं। बीजद को 12 और कांग्रेस को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा। 2014 में बीजद को 20 और भाजपा को केवल एक सीट मिली थी। हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कुल 65 सीटों में से 61 सीटें भाजपा ने जीती हैं।

मोदी दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ बनाएंगे सरकार

भाजपा के 300 पार पहुंचने के साथ ही सहयोगी दलों के साथ राजग गठबंधन 350 सीटों के पार पहुंच गया है। पिछले लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को 336 सीटें ही मिली थीं। जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद मोदी देश के तीसरे और पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं जो लोकसभा में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे। मोदी वाराणसी में चार लाख 79 हजार 505 मतों से जीते हैं जबकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह गुजरात में गांधीनगर लोकसभा सीट पर साढ़े पांच लाख वोट से विजयी रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस चुनाव में पंजीकृत 90.99 करोड़ मतदाताओं में से करीब 67.11 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भारतीय संसदीय चुनाव में यह अब तक का सर्वाधिक मतदान प्रतिशत है।

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