लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बोले- नहीं लगाया गया किसी भी शब्द पर प्रतिबंध

लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha) की कार्यवाही के दौरान कई शब्द निकाले जाने को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार (Central Government) पर हमलावर हो गया है। इसी कढ़ी में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी शब्द पर प्रतिबंध (Word ban) नहीं है, निकाले गए शब्दों का सकलं जारी है।
दरअसल संसद लोकसभा और राज्यसभा के दोनों सदनों में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसे शब्दों और वाक्यों की सूची तैयार की गई है, जिन्हें 'असंसदीय अभिव्यक्ति' की श्रेणी में रखा गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा पहले इस तरह के असंसदीय शब्दों की एक किताब का विमोचन किया गया था।
कागजों की बर्बादी से बचने के लिए हमने इसे इंटरनेट (Internet) पर डाल दिया है। किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया हैं, बिड़ला ने कहा, "क्या उन्होंने (विपक्ष) इस 1,100 पन्नों के शब्दकोश (असंसदीय शब्दों सहित) को पढ़ा है, अगर वे गलतफहमी नहीं फैलते... यह 1954...1986, 1992, 1999, 2004, 2009, 2010 में जारी किया गया था।
2010 से सालाना आधार पर रिलीज हो रही है। उन्होंने कहा, 'किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं है, उन शब्दों को हटा दिया गया है जिन पर पहले आपत्ति थी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। 1954 से असंसदीय शब्दों को हटाने का सिलसिला जारी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने भी कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom) का अधिकार कोई नहीं छीन सकता। उन्होंने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि देश में भ्रामक प्रचार नहीं किया जाना चाहिए।
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