Love Jihad: नए धर्मांतरण कानून पर गुजरात सरकार को नोटिस जारी, हाईकोर्ट में 17 अगस्त को अगली सुनवाई

गुजरात सरकार (Gujarat Government) के नए धर्मांतरण (Conversion) कानून के खिलाफ याचिका दायर की गई है। ये याचिका जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Ulema-e-Hind) ने दाखिल की है। जिस पर गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) में सुनवाई हुई। कोर्ट ने शादी के जरिए जबरन या धोखाधड़ी से धर्मांतरण को निषेध करने वाले एक नए कानून के प्रावधानों को चुनौती देने वाली एक याचिका पर गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया। इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी। याचिकाकर्ता ने कहा कि संशोधित कानून में अस्पष्ट शर्तें हैं जो विवाह के मूल सिद्धांतों के खिलाफ हैं।
मुख्य न्यायाधीश विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को निर्धारित कर दी। गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2021 के खिलाफ याचिका पिछले महीने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की गुजरात शाखा ने दायर की थी। इस अधिनियम को 15 जून को अधिसूचित किया गया था।
बीते दिन वर्चुअल सुनवाई के दौरान, जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर जोशी ने कहा कि संशोधित कानून में अस्पष्ट शर्तें हैं जो विवाह के मूल सिद्धांतों के खिलाफ हैं और संविधान के अनुच्छेद 25 में निहित धर्म के प्रचार, आस्था और अभ्यास के अधिकार के खिलाफ हैं। इस मामले में गुजरात सरकार 17 अगस्त को अपना जवाब दाखिल करेगी। कानून कहता है कि किसी भी व्यक्ति को बल प्रयोग, प्रलोभन, कपटपूर्ण साधनों और विवाह द्वारा परिवर्तित नहीं किया जाएगा। तो अगर दो अलग-अलग धर्मों के लोग शादी कर लेते हैं तो यह अपराध है? कानून दूर के परिवार के सदस्यों को भी आपराधिक शिकायत दर्ज करने की अनुमति देता है।
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