नोएडा में खुला मैडम तुसाद म्यूजियम, PM मोदी से लेकर अमिताभ बच्चन तक... बड़े सितारों का करें दीदार

आपने मैडम तुसाद म्यूजियम (Madame Tussauds Museum) का नाम तो जरूर सुना होगा। आप कई बार इस म्यूजियम में घूमने की प्लानिंग भी कर रहे होंगे। अगर हां तो यह खबर आपके लिए खुशखबरी है। विश्व भर में मोम के पुतलों के लिए प्रसिद्ध मैडम तुसाद म्यूजियम नोएडा के सेक्टर 18 में स्थित डीएलएफ मॉल में आज से शुरू हो रहा है। इस संग्रहालय में खेल जगत से लेकर मनोरंजन और इतिहास तक के 50 भारतीय और अंतरराष्ट्रीय दिग्गजों की मोम की प्रतिमाओं को शामिल किया गया है। अब नोएडा समेत देशभर के लोग यहां मशहूर हस्तियों का दीदार कर सकते हैं और उनके मोम के पुतले के साथ एन्जॉय कर सकते हैं।
इन दिग्गजों का कर सकते हैं दीदार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), विराट कोहली (Virat Kohli), रोनाल्डो, अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan), दिलजीत दोशांज और कैटरीना कैफ समेत देश दुनिया के सिनेमा और खेल जगत से जुड़े सितारे और विख्यात नेताओं के मोम के पुतलो से अब लोग नोएडा में रूबरू हो सकेंगे। मोम के पुतलों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध विश्व प्रख्यात मैडम तुसाद संग्रहालय सेक्टर-18 स्थित डीएलएफ मॉल में आज शुरू हो जाएगा। संग्रहालय पहले से ज्यादा भव्य और आकर्षक बनाया गया है। यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार पटेल, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस समेत अन्य कई आजादी के नायक से लेकर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम समेत 50 से अधिक शख्सियतों के पुतले मौजूद हैं।
हॉलीवुड की हस्तियों को भी किया गया शामिल
खेल जगत से सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, कपिल देव, मैरीकॉम, मिल्खा सिंह, डेविड बेकम, उसेन बोल्ट, सिनेमा जगत से अमिताभ बच्चन, राजकपूर, सलमान खान, रणबीर कपूर, कैटरीना समेत अन्य फिल्मी सितारे और हॉलीवुड से एंजलिना जॉली, जेनीफर लोपेज आदि शख्सियतों के पुतले होंगे।
पहले दिल्ली में कोरोना महामारी के कारण बंद करना पड़ा था
मैडम तुसाद संग्रहालय प्रवक्ता शैलेंद्र ने बताया कि इसे पहली बार 2017 में कनॉट प्लेस दिल्ली में खोला गया था लेकिन इस बीच कोरोना महामारी के कारण बंद करना पड़ा था। मैडम तुसाद संग्रहालय का 200 साल का इतिहास और विरासत है इसे पहली बार 1835 में लंदन में खोला गया था। मैडम तुसाद के मूर्तिकार प्रकृति का निर्माण करने के लिए तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं और एक कलाकार की सजीव आकृति बनाने में कम से कम 3 महीने का समय लग जाता है।
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