महंत नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट हुआ वायरल, शिष्य आनंद पर गंभीर आरोप, यहां पढ़ें क्या लिखा...

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि (Akhara Parishad President Narendra Giri) की मौत के बाद अब सोशल मीडिया पर उनका सुसाइड नोट वायरल हो रहा है। ये सुसाइड नोट अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के लेटर हेड पर लिखा है। जो 12 से 13 पन्नों का बताया जा रहा है। मीडिया में अलग अलग दावे किए जा रहे हैं।
अखाड़ा परिषद के लेटर हेड पर लिखा पूरा सुसाइड नोट
महंत नरेंद्र गिरि के हर सुसाइड नोट के पन्ने के नीचे उन्होंने हस्ताक्षर किए हुए हैं। जिसमें लिखा है कि इस महीने की 13 सितंबर को भी मैंने आत्महत्या करना फैसला किया था। लेकिन नहीं कर सका। हर सुसाइड नोट में आनंद गिरी का नाम साफ तौर पर लिखा है।
जानें कौन-कौन है मौत का जिम्मेदार
उन्होंने अपने नोट में लिखा है कि आनंद गिरी मेरी छवि खराब करना चाहता था। मेरी मौत का जिम्मेदार आनंद गिरि है। उसने मेरी फोटो को एडिट कर महिला के साथ दिखाया। इस बात से मैं दुखी हुआ और आत्महत्या करने का फैसला किया। जानकारी के लिए बता दें कि सुसाइड नोट में कई जगहों पर काटा गया है और बाद में दोबारा से लिखा हुआ है।
अंत में लिखा हरि का नाम
ये पूरा सुसाइड नोट किसी सादे पेपर पर नहीं बल्कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के लेटर हेट है। जो नरेंद्र गिरि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष थे। उनके हस्ताक्षर भी हैं। उन्होंने साफ तौर पर लेटर में लिखा है कि मेरी मौत के जिम्मेदार आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी है। उन्होंने मरने से पहले पुलिस से अपील की है कि इन तीनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो। ताकि मेरी आत्मा को शांति मिले। पत्र के अंत में उन्होनेओम नमो नारायण लिखा है।
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