Maharashtra: लाउडस्पीकर को लेकर सरकार को अल्टीमेटम देने पर अजीत पवार ने राज ठाकरे पर साधा निशाना, बोले- अगर कोई...

Maharashtra: लाउडस्पीकर को लेकर सरकार को अल्टीमेटम देने पर अजीत पवार ने राज ठाकरे पर साधा निशाना, बोले- अगर कोई...
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डिप्टी सीएम अजीत पवार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ध्वनि प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला महाराष्ट्र के सभी पूजा स्थलों पर लागू होता है।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar) ने गुरुवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Navnirman Sena- मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) के मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के उनके आह्वान पर निशाना साधा है। साथ ही डिप्टी सीएम (Deputy CM) ने कहा, किसी को भी सरकार के साथ अल्टीमेटम (language of ultimatum) की भाषा नहीं बोलनी चाहिए।

डिप्टी सीएम अजीत पवार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ध्वनि प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला महाराष्ट्र के सभी पूजा स्थलों पर लागू होता है। राज्य सरकार कानून और संविधान के अनुसार चलती है। अगर कोई कानून तोड़ने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने राज्य सरकार को 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया था। ईद होने के कारण उन्होंने लोगों से बुधवार को उन सभी जगहों पर लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने का आग्रह किया था, जिस मस्जिद में लाउडस्पीकर पर अजान सुनई देगी।

पवार ने राज ठाकरे का नाम लिए बिना कहा, किसी को भी अल्टीमेटम की भाषा नहीं बोलनी चाहिए। यह तानाशाही नहीं है। अगर आप अपने घर के अंदर बैठे अपने परिवार के सदस्यों को अल्टीमेटम देना चाहते हैं, तो दे सकते हैं इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन अगर कोई सार्वजनिक रूप से इस तरह के बयान दे रहा है तो याद रखें, सरकारें और देश कानून और संविधान के अनुसार चलते हैं… नियम सभी के लिए समान हैं। राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए डिप्टी सीएम ने कहा, लोगों की भावनाओं को हवा देना आसान है।

लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की बात आती है, तो सभी धार्मिक स्थलों को इसका पालन करना होगा। उन्होंने महाराष्ट्र के सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति लेने और हाईकोर्ट के द्वारा निर्धारित डेसिबल स्तर के भीतर इसे बजाने का आग्रह किया है। पवार ने कहा कि किसी को भी दबाव या भावनात्मक अपील का शिकार नहीं होना चाहिए और लोगों को राज्य में उचित कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करना चाहिए।

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