फडणवीस बोले- शिवसेना सत्ता के लालच में सावरकर का अपमान कब तक सहन करेगी, सीएम से की ये मांग

फडणवीस बोले- शिवसेना सत्ता के लालच में सावरकर का अपमान कब तक सहन करेगी, सीएम से की ये मांग
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फडणवीस ने यहा भी कहा कि बालसाहेब ठाकरे ने कभी भी सावरकर के खिलाफ ऐसे शब्द बर्दाश्त नहीं किए थे।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कांग्रेस सेवादल के किताब पर विवाद में कूद गए हैं। जिसमें दावा किया गया है कि नाथूराम गोडसे और वीर सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध थे। देवेंद्र फडणवीस ने किताब के दावे पर बयान दिया है। देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि समाजसेवी वीर सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्हेंने शिवसेना से पूछा कि वह सावरकर के अपमान को कब तक सहन करेगी।

आखिर कब तक शिवसेना राष्ट्र के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले व्यक्ति का अपमान सहन करेगी? हम इस पर चुप नहीं बैठेंगे। हम वीर सावरकर के अपमान को सहन नहीं करेंगे। देवेंद्र फडणवीस ने सावरकर पर बांटी गई किताब को बैन करने की मांग की है।

कांग्रेस ने किताब बांटकर अपनी विकृत मानसिकता को दिखाया

देवेंद्र फडणवीस ने अपने ट्विटर हैंडिल से ट्वीट करते हुए लिखा कि वीर सावरकर बेशक महान स्वतंत्रता सेनानी और हम सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। लेकिन कांग्रेस ने वीर सावरकर के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाली किताब बांटकर अपनी विकृत मानसिकता को दिखाया है।

शिवसेना वीर सावरकर का अपमान बार-बार सहन करेगी

इस मामले पर फडणवीस ने शिवसेना से जवाब में मांगा है। फडणवीस ने कहा कि हम शिवसेना से जवाब चाहते हैं, जिसने कांग्रेस के साथ अप्राकृतिक गठबंधन किया है। क्या वे महाराष्ट्र में इस किताब का विरोध दर्ज कराकर इसे बैन करवाएगी या सत्ता के लालच में वीर सावरकर का अपमान बार-बार सहन करेगी?

फडणवीस ने यहा भी कहा कि बालसाहेब ठाकरे ने कभी भी सावरकर के खिलाफ ऐसे शब्द बर्दाश्त नहीं किए थे। हम महाराष्ट्र के सीएम की ओर से इस किताब पर प्रतिबंध लगाए जाने की आशा करते हैं।

किताब का टाइटल 'वीर सावरकर कितने वीर'

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सेवादल की तरफ से बांटी गई किताब का टाइटल 'वीर सावरकर कितने वीर' है। इस किताब को भोपाल में आयोजित किए गए 10 दिवसीय ट्रेनिंग कैंप में बांटा गया था। इस किताब में दावा किया गया है कि नाथूराम गोडसे और वीर सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध थे। किताब में बताया गया है कि 'ब्रह्मचर्य धारण करने से पहले नाथूराम गोडसे के एक ही शारीरिक संबंध का ब्यौरा मिलता है'।

किताब में यह भी दावा किया गया कि सावरकर ने अपने अनुयायियों को अल्पसंख्यकों से महिलाओं का बलात्कार करने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्होंने 12 वर्ष की आयु में मस्जिदों पर पथराव किया।

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