Maharashtra Government Formation : महाराष्ट्र में एनसीपी बनी इकलौती किंग मेकर, भाजपा के साथ कर रही ये षडयंत्र!

Maharashtra Government Formation : महाराष्ट्र में एनसीपी बनी इकलौती किंग मेकर, भाजपा के साथ कर रही ये षडयंत्र!
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Maharashtra Government Formation : महाराष्ट्र में चुनाव परिणाम के 1 माह बाद सरकार बनने पर भी राजनीतिक संकट खत्म नहीं हुआ है। सरकार की कुर्सी हासिल करने की चाह में कांग्रेस, शिवसेना और भाजपा फंस गई हैं। जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) इकलौती किंगमेकर बन चुकी है।

Maharashtra Government Formation : महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के सरकार बनाने से राजनीतिक संकट, कम होने की बजाय उल्टा गहरा गया है। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के समर्थन के बाद एनसीपी ने खुद को इस फैसले से अलग कर लिया है। अब राज्यसभा में फ्लोर टेस्ट के वक्त एनसीपी के समर्थन नहीं देने पर भाजपा सरकार का गिरना तय है। इसके अलावा अजीत पवार के इस कदम से महाराष्ट्र में एनसीपी इकलौती किंग मेकर बन गई है। क्योंकि शिवसेना के भाजपा के साथ जाने की संभावना पूरी तरह से खत्म हो गई है। जबकि कांग्रेस-भाजपा एक-दूसरे का समर्थन कर नहीं सकते। निर्दलीय प्रत्याशियों से महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनेगी। ऐसे में एनसीपी ही इकलौती पार्टी बची है जो कि किसी भी दल के साथ जाकर सरकार बना सकती है।

एनसीपी की चल समझ से परे

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की चाल राजनीतिक पंडितों की समझ से परे है। क्योंकि अजित पवार ने बिना विधायकों का विश्वास हासिल किए भाजपा का समर्थन कर दिया। जबकि उनके पास सिर्फ 2 विधायकों का समर्थन था। दूसरी तरफ भतीजे की इतनी बड़े कदम के बावजूद एनसीपी ने कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है। सिर्फ उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटाया है। जबकि जयंत पाटिल को सिर्फ अस्थायी विधायक दल का नेता चुना है। यानि की विधायक दल का नेता बदलने का विकल्प खुला रखा है। इसके अलावा अजित पवार के पार्टी को तोड़ने की योजना के बावजूद शरद पवार ने उन्हें पार्टी से बर्खास्त नहीं किया है। उल्टे पार्टी उन्हें अभी भी मनाने में लगी हुई है। ऐसे में नेता से लेकर राजनीतिक पंडित शरद पवार की चाल से भ्रमित हो गए हैं।

निजी फायदे के लिए समर्थन में देरी

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि एनसीपी निजी फायदे के लिए ऐसा कर रही है। ताकि कांग्रेस-शिवसेना और भाजपा से अपनी शर्ते मनवा सके। जो दल ज्यादा शर्ते माने उसे समर्थन का ऐलान कर दे। क्योंकि कांग्रेस-शिवसेना को यदि सरकार बनानी है तो एनसीपी का समर्थन चाहिए। ऐसे में दोनों पार्टियों से गठबंधन की सरकार में महत्वपूर्ण पद मांग सकती है। भाजपा के पास भी कोई और विकल्प नहीं होने पर केंद्र-राज्य में समर्थन के बदले महत्वपूर्ण विभाग ले सकती है। भाजपा के शर्तों पर तैयार होने पर उसे भी समर्थन दे सकती है।

सभी दल चाल में फंसे

भाजपा को अजीत पवार के समर्थन करने से एनसीपी की चाल में सभी दल फंस गए। भाजपा के सरकार न बनाने तक एनसीपी, कांग्रेस-शिवसेना के साथ खुलकर शर्तें नहीं रख पा रही थी। लेकिन अजित पवार के कदम के बाद कांग्रेस-शिवसेना के सामने समर्थन से पहले शर्तें रखेगी। जबकि महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनने तक भाजपा विक्टिम कार्ड खेल रही थी। सबसे बड़ा दल होने के बावजूद सत्ता से बाहर रखने का कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी पर आरोप लगाती। इससे आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ा लाभ होता। लेकिन अब भाजपा की सरकार बनकर गिरने से विक्टिम कार्ड नहीं खेल पाएगी।

भाजपा के गले की फांस बनी सरकार

भारतीय जनता पार्टी के लिए महाराष्ट्र में सरकार बनाना गले की फांस बनता जा रहा है। सरकार बचाना भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। जिसका शरद पवार फायदा भी उठा सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा को शरद पवार ने फंसा दिया है। भतीजे ने समर्थन देकर सरकार बनवा दी तो पार्टी प्रमुख शरद पवार ने इंकार कर भाजपा को फंसा दिया। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हो सकता है चाचा-भतीजे ने मिलकर यह षडयंत्र रचा हो। ताकि सरकार में बड़ी भूमिका हासिल की जा सके। इसके अलावा सीबीआई-ईडी के मामलों को खत्म करवाया जा सके।

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