Maharashtra border dispute: राकांपा नेता जयंत पाटिल बोले- कर्नाटक पर 'लगाम कसने' के लिए बांधों की ऊंचाई बढ़ानी चाहिए

Maharashtra border dispute: राकांपा नेता जयंत पाटिल बोले- कर्नाटक पर लगाम कसने के लिए बांधों की ऊंचाई बढ़ानी चाहिए
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महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता जयंत पाटिल ने बड़ा बयान दिया उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य पर लगाम कसने के लिए नदी के ऊपर बांधों की ऊंचाई बढ़ानी चाहिए।

महाराष्ट्र (Maharashtra) और कर्नाटक (Karnataka) के बीच बढ़ता सीमा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता जयंत पाटिल ने बड़ा बयान दिया है कि कहा कि महाराष्ट्र को पड़ोसी राज्य पर लगाम कसने के लिए नदी के ऊपर बांधों की ऊंचाई बढ़ानी चाहिए। बता दें कि दशकों पुराने सीमा विवाद का मुद्दा मंगलवार को दोनों राज्यों की विधानसभाओं में उठा।

महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को जयंत पाटिल ने कहा कि कर्नाटक जानबूझकर अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी भाषी लोगों को परेशान कर रहा है। महाराष्ट्र के पूर्व जल संसाधन मंत्री ने कहा है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री की बात का जवाब हमें उन्हीं की भाषा में देना चाहिए। अगर उनमें इतनी अकड़ है, तो हम कोयना तथा वरना नदियों पर बने बांधों और सतारा तथा कोल्हापुर जिलों के सभी बांधों की ऊंचाई बढ़ाएंगे। उन्हें (कर्नाटक के नेताओं को) किसी और तरीके से काबू में नहीं लाया जा सकता। बता दें कि दोनों राज्यों के बीच 1957 में भाषाई आधार पर पुनर्गठन के बाद से सीमा विवाद जारी हुआ था।

इस मामले को लेकर महाराष्ट्र शुरू से ही बेलगावी पर अपना दावा करता है। जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा रहता है। इसके साथ ही वह उन 800 से अधिक मराठी भाषी गांवों पर भी दावा करता है, जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं। वहीं इस मामले में कर्नाटक का कहना है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम और 1967 महाजन आयोग की रिपोर्ट के तहत भाषाई आधार पर सीमांकन किया गया। इसके तहत ये सभी हिस्से हमारे हैं।

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