Maharashtra: जानें आखिर एकनाथ खडसे ने क्यों बीजेपी से तोड़ दिया इतने साल पुराना नाता, देवेंद्र फडणवीस से नहीं बनी थी बात

महाराष्ट्र की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी को एक बड़ा झटका एकनाथ खडसे ने दिया है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी छोड़कर एनसीपी में शामिल होने का फैसला किया है। एकनाथ खडसे महाराष्ट्र बीजेपी की राजनीति के जाने-माने राजनेता हैं साथ ही वह पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस से भी नाराज बताए जा रहे थे। जिसके चलते उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को अलविदा कह दिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता एकनाथ खडसे अब शुक्रवार को एनसीपी में शामिल होंगे। जिसको लेकर उन्होंने वजह बताई कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी में न्याय नहीं मिला। फिलहाल, एकनाथ खडसे के इस्तीफे की भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पुष्टि कर दी गई और साथ ही पार्टी ने उन्हें उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने साल 2015 में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में मंत्री पद को छोड़ने का फैसला कर इस्तीफा दे दिया था। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र राज्य सरकार में मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि शुक्रवार को एकनाथ खडसे एनसीपी में शामिल होंगे और इसके बाद वह अपनी रणनीति के बारे में जानकारी भी देंगे।
पार्टी छोड़ने के बाद एकनाथ खडसे ने कहा कि मैं एनसीटी को ज्वाइन इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि जो मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। उसमें कुछ भी साबित नहीं हुआ। मुझे एक नेता के द्वारा बहुत परेशान किया गया। लेकिन मैंने पार्टी से बार-बार न्याय मांगा। लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला। जिसके चलते मैंने फैसला किया और मैंने भाजपा का दामन छोड़ एनसीपी में जाने का फैसला किया।
माना जा रहा है कि बीते कई दिनों से खडसे और एनसीपी के नेताओं के बीच बातचीत का दौर जारी था। ऐसे में वो उद्धव ठाकरे सरकार में किसी मंत्री पद को भी संभाल सकते हैं। एकनाथ खडसे की नज़र कृषि मंत्रालय पर है, जो अभी शिवसेना के पास ही है।
जानकारी के लिए बता दूं कि साल 2015 में इस नाथ खडसे ने भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद देवेंद्र फडणवीस की सरकार से इस्तीफा दे दिया था और उसी के बाद से राजनीतिक कैरियर नीचे जाने लगा था। एकनाथ खडसे के समर्थकों करना है कि देवेंद्र फडणवीस की वजह से ही उन्हें पार्टी से किनारा करना पड़ा था।
उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे जो बिल्कुल भी सिद्ध नहीं हुए थे। इसी के चलते उन्हें साल 2019 में विधानसभा चुनाव में टिकट भी नहीं मिला था। लगातार उनके करियर को नीचे करने के चलते उन्होंने पार्टी से बाहर निकलना ही बेहतर समझा।
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