महाराष्ट्र में भूख और प्यास से तड़पकर 40 वर्षीय प्रवासी मजदूर की मौत

देश में लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है। प्रवासी मजदूर अपने घरों को जाने के लिए हजारों किलोमीटर से भी अधिक का सफर पैदल ही तय कर रहे है। ऐसे में कई मजदूरों ने घर पहुंचे से पहले ही रास्ते में ही दम तोड़ दिया। और अपने परिवार के लिए कभी न भूलने वाल दर्द दे गए। ताजा मामला महाराष्ट्र से सामने आया है। यहां पर एक 40 वर्षीय प्रवासी मजदूर ने भूख और प्यास की वजह से दम तोड़ दिया। मजदूर के शरीर में पानी की भी अधिक कमी हो गई थी। इस बात की जानकारी पुलिस ने बुधवार को दी।
अंबुरा पुलिस स्टेशन के सहायक निरीक्षक दिनेश्वर कुकलारे ने बताया कि 40 वर्षीय पिंटू पवार सोमवार को बीड जिले के धनोरा गांव में मृत पाए गए थे। अधिकारी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम में पाया गया कि 15 मई के आसपास ज्यादा चलने, भूख और पानी की कमी (निर्जलीकरण) से पिंटू पवार की मौत हुई है। पीड़ित परभणी के मैनवाट तहसील के धोप्टे पंडौल गांव की मूल निवासी था। वह गन्ना कटर के रूप में काम करता था। लेकिन लॉकडाउन लागू होने के बाद, वह अपने भाई के पास पुणे में रहने के लिए चला गया था।
मजदूर ने अपने पैतृक गांव लौटने के लिए 8 मई को पुणे से पैदल जाने का फैसला किया था। मजदूर 14 मई को अहमदनगर पहुंचा। चूंकि उनके पास मोबाइल फोन नहीं था, इसलिए उन्होंने किसी अन्य के फोन से परिवार के लोगों से संपर्क किया। अधिकारी ने कहा कि वहां से वह धनोरा तक एक और 30 से 35 किमी तक चला और वहां एक टिन शेड के नीचे आराम के लिए ठहर गया। सोमवार को कुछ राहगीरों ने शेड से निकलने वाली दुर्गंध की शिकायत पुलिस की दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मजदूर को मृत पाया। उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद धनोरा ग्राम पंचायत के अधिकारियों और पुलिस ने उनके परिवार के सदस्यों के साथ सलाह के बाद उनका अंतिम संस्कार किया।
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