महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, इस वजह से सदन का किया बहिष्कार

महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने 23 दिसंबर को विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही का बहिष्कार किया। एमवीए नेताओं ने विधान भवन परिसर में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट किया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा और विधान परिषद में बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शिवसेना के उद्धव ठाकरे के गुट और कांग्रेस गठबंधन एमवीए के नेताओं ने बीते दिन विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस क्रम में राकांपा के वरिष्ठ विधायक जयंत पाटिल को निलंबित किए जाने की निंदा भी की गई।
इस दौरान राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सभी नेताओं ने काली पट्टी बांध रखी थाी। इस प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे, कांग्रेस के बालासाहेब थोराट, राकांपा नेता राजेश टोपे, धनंजय मुंडे, सहित कई अन्य नेता भी शामिल थे। विपक्ष के नेताओं ने विधानमंडल की सीढ़ियों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकार विपक्ष के लोगों को विधानमंडल में बोलने का मौका नहीं दे रही है। इसलिए हम इसके विरोध में दोनों सदनों की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहे हैं। वहीं आदित्य ठाकरे ने कहा कि जब तक स्पीकर हमें सदन में बोलने का अवसर नहीं देंगे। तब तक हम बाहर रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम विपक्षी नेताओं पर की गई कार्रवाई समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं। हम राज्यपाल बी. एस. कोश्यारी की टिप्पणी, भूमि आवंटन घोटाले में मुख्यमंत्री शिंदे की संलिप्तता और महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं।
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