Maharashtra: शरद पवार बोले- दिल्ली को सांप्रदायिक हिंसा से बचाने में नाकाम रहे अमित शाह, द कश्मीर फाइल्स को लेकर भी दिया बड़ा बयान

Maharashtra: शरद पवार बोले- दिल्ली को सांप्रदायिक हिंसा से बचाने में नाकाम रहे अमित शाह, द कश्मीर फाइल्स को लेकर भी दिया बड़ा बयान
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शरद पवार ने रैली को संबोधित करते हुए इस महीने की शुरुआत में हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा का जिक्र किया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी- Nationalist Congress Party) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) को सांप्रदायिक दंगों से बचाने में विफल रहे हैं। यह बयान शरद पवार ने पश्चिमी महाराष्ट्र (western Maharashtra) के कोल्हापुर (Kolhapur) में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) की एक रैली को संबोधित करते हुए दिया।

शरद पवार ने रैली को संबोधित करते हुए इस महीने की शुरुआत में हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले दिल्ली सांप्रदायिक तनाव के कारण जल रही थी। दिल्ली राज्य (मुख्यमंत्री) अरविंद केजरीवाल द्वारा नियंत्रित है, लेकिन इसकी पुलिस अमित शाह द्वारा नियंत्रित केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आती है। अमित शाह शहर को सांप्रदायिक दंगों से बचाने में विफल रहे हैं।

अगर दिल्ली में कुछ होता है तो दुनिया में संदेश जाता है। दुनिया कल्पना करेगी कि दिल्ली में अशांति है। दिल्ली हमारी राष्ट्रीय राजधानी है और इसके कुछ हिस्सों में झड़पें हुईं, लोगों ने एक-दूसरे पर हमला किया और आगजनी हुई। अमित शाह को दिल्ली को एकीकृत और अविभाजित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए थे, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे। आपके पास शक्ति है, लेकिन आप दिल्ली जैसे शहर को संभाल भी नहीं सकते।

शरद पवार ने आगे कहा कि साल 2014 के आम चुनावों में हार लोगों का जनादेश था, जिसे विनम्रता से स्वीकार किया गया था। पवार ने राकांपा कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें इस देश में सत्ता में मौजूद सांप्रदायिक ताकतों को उखाड़ फेंकना होगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें उन युवाओं की समस्याओं का समाधान करना है जो गंभीर रूप से गरीबी में हैं। आम आदमी के बोझ को कम करना है जो दोहरे अंकों की मुद्रास्फीति से जूझ रहे हैं।

पवार ने आगे कहा कि कोल्हापुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के लिए हाल ही में हुए उपचुनाव के दौरान फिल्म द कश्मीर फाइल्स को भाजपा के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए दिखाई गई। सौभाग्य से कोल्हापुर के लोगों ने इस राजनीति को खारिज कर दिया और कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। पवार ने कहा कि 1990 के दशक की शुरुआत में जब जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद तेज हुआ (जिसके कारण कश्मीरी पंडितों को जबरन निर्वासित किया गया) उस समय वीपी सिंह प्रधानमंत्री थे और उनकी सरकार को भाजपा का समर्थन प्राप्त था। लेकिन फिल्म यह तथ्य छिपाया गया।

उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय नेताओं को अकेले गुजरात ले जाया जाता है। यह दिखाता है कि दिल्ली के शासक दूसरे राज्यों के बारे में क्या सोचते हैं। हम इस देश को एकजुट रखने के लिए एक बड़े संघर्ष का सामना कर रहे हैं। 2014 के आम चुनावों के बाद समुदायों और लोगों के बीच की खाई और चौड़ी हो गई है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के बारे में पवार ने कहा कि पहले बहुत कम लोग प्रवर्तन निदेशालय के बारे में जानते थे। लेकिन अब ईडी हर जगह है।

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