यदि कोई एक गाल पर थप्पड़ मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो, ये गांधी जी ने नहीं कहा था

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को फादर ऑफ द नेशन भी कहा जाता था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi) था। 2 अक्टूबर को जन्मे बापू को 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) ने गोली मार दी थी। देश को अंग्रेज शासकों से मुक्त कराने में महात्मा गांधी के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। आपने कई बार यह बात किसी न किसी से जरुर सुनी होगी कि कोई आपके एक गाल पर थप्पड मारे तो दूसरा आगे कर दो। यह शब्द आपने कभी किसी के मुंह से, किसी फिल्म में,या किसी किताब में जरूर पढ़े होंगे। ये शब्द महात्मा गांधी ने अग्रेजों के खिलाफ इस्तेमाल किया था। यह बापू के अपने शब्द नहीं थे। आइए जाने कहा से निकली थी यह बात।
- जब महात्मा गांधी ने आंदोलनों में कदम रखा तो पाया के अंग्रेज देश की जनता पर बहुत अत्याचार कर रहे हैं। तब उन्होंने अंग्रेजों के अन्यायपूर्ण शासन से लड़ने का फैसला किया।
-गांधीजी ने अपने अध्ययन में अंग्रेजों के बारे में काफी रिसर्च की, और पाया कि हम अगर हिंसा का रास्ता अपनाते है तो अंग्रेज हमे बुरी तरह से कुचल देगें।
- गांधी जी अंग्रेजों को उन्हें उन्हीं की भाषा में जवाब देने की रणनीति अपनाई तथा अहिंसा का रास्ता चुना।
- वो अंग्रेजों के बनाये सारे कानून तोड़ते थे तथा अंग्रेजों के खिलाफ बोलते भी थे पर हिंसा नहीं करते थे।
-चंपारण आन्दोलन , नील किसानों की लड़ाई, बारडोली आन्दोलन , सविनय अवज्ञा , असहयोग आन्दोलन , नमक कानून तोड़ना , भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई बड़े आंदोलन का सहारा लिया और अंग्रेजों को उन्हीं के हथियार से मारा।
- जब अंग्रेजों ने अहिंसा आंदोलन को भी रोकने का प्रयास किया तब गांधी जी ने उन्हीं के धर्म की किताब से जीसस का यह वाक्य उन्ही के मुंह पर मार दिया जिसमे लिखा था "यदि कोई तुम्हे एक गाल पर थप्पड़ मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो।
- बापू ने कहा ये अहिंसा तो जीसस कहते थे और अंग्रेज हमारे भारत में जीसस के विरुद्ध काम कर रहे हैं। इस बात से कई देशों के इसाई अंग्रेजों से गुस्सा हो गए और गांधी के साथ भारत की आजादी के समर्थन में खड़े हो गए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS