Mahatma Gandhi Jayanti 2020: देश की आजादी में महात्मा गांधी के इन आंदोलनों की थी महत्वपूर्ण भूमिका

Mahatma Gandhi Jayanti 2020: महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर को हुआ था। उनकी याद में हम हर साल इस दिन को गांधी जयंती के नाम से मनाते आए हैं। देश के हर नागरिक को पता है कि कई शहीदों और महात्मा गांधी के साहस की वजह से ही हमें अंग्रेजों से आजादी मिल पाई थी। अगर ऐसा न होता तो हम आज भी अंग्रेजों के गुलाम होते।
देश को आजादी दिलाने के लिए महात्मा गांधी ने कई आंदोलन चलाए। महात्मा गांधी ने ट्रांसवाल एशियाटिक रजिस्ट्रेशन एक्ट के खिलाफ अपना पहला आंदोलन 1906 में शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। बता दें कि महात्मा गांधी ने 26 जनवरी 1930 को अंग्रेजों से आजादी की घोषणा की थी।
चंपारण सत्याग्रह
महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ 1917 में चंपारण सत्याग्रह की शुरूआत की थी। बिहार के चंपारण से इस सत्याग्रह की शुरूआत किसानों को न्याय दिलाने के लिए की गई थी। बता दें कि उस वक्त अंग्रेजों ने किसानों को जबरन नील जैसे फसल उगाने को बाध्य किया था। फसलों के अच्छे पैदावार के बाद उन्हें कम कीमतों पर बेच दिया गया था। इससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था। इस आंदोलन को सफलता मिलने के बाद बापू को महात्मा की उपाधि से नवाजा गया था।
असहयोग आंदोलन
जालियावालां बाग हत्याकांड से देश का हर नागरिक वाकिफ है। उसी हत्याकांड की वजह से इस आंदोलन की शुरूआत हुई। 1 अगस्त 1920 से शुरू हुए इस आंदोलन के द्वारा लोगों को अंग्रेजों के खिलाफ बगावत करने की सलाह दी गई थी। इस आंदोलन को भी अपार सफलता मिली। हजारों की संख्या में लोग इस आंदोलन से जुड़े और अंग्रेजों के द्वारा संचालित हर कार्यालयों का बहिष्कार शुरू कर दिया। हालांकि इस आंदोलन को खुद बापू ने ही बंद कर दिया था।
नमक सत्याग्रह
यह आंदोलन नमक पर ब्रिटिश सरकार के एकाधिकार के खिलाफ आवाज उठाने के मकसद से शुरू हुआ था। इस आंदोलन की शुरूआत 12 मार्च 1930 को की गई थी। महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से दांड़ी गांव तक 24 दिनों के पैदल मार्च के जरिए इस आंदोलन को पूरा किया था।
दलित आंदोलन
महात्मा गांधी ने 8 मई 1933 से छुआछुत विरोधी आंदोलन शुरू किया था। इससे पहले उन्होंने अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना साल 1932 में की थी। साथ ही उन्होंने हरिजन नाम के साप्ताहिक पत्र का भी प्रकाशन शुरू किया था। बता दें कि इसी आंदोलन के बीच महात्मा गांधी ने 21 दिनों का सबसे लंबा उपवास रखा था।
भारत छोड़ो आंदोलन
भारत छोड़ो आंदोलन को सबसे लोकप्रिय आंदोलनों में से एक कहा जाता है। भारत छोड़ो नारा 8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने खिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बंबई सत्र में दिया था। हालांकि इस नारे के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। महात्मा गांधी का ये आंदोलन इतना लोकप्रिय हुआ कि अंत में अंग्रेजों को भी एहसास हो गया कि भारत अब उनके रहने की जगह नहीं रही। ऐसे में द्वितीय विश्वयुद्ध के अंतिम दौर तक अंग्रेजों ने भारत छोड़ने का इशारा भी दे दिया। बता दें कि इसी आंदोलन की वजह से हजारों कैदियों को अंग्रेजों ने रिहा किया था।
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