CM Bhagwant Mann Open Debate: 'मैं पंजाब बोलता हूं', बड़ी बहस समाप्त, सीएम भगवंत मान ने एसवाईएल का उठाया मुद्दा

CM Bhagwant Mann Open Debate: मैं पंजाब बोलता हूं, बड़ी बहस समाप्त, सीएम भगवंत मान ने एसवाईएल का उठाया मुद्दा
X
CM Bhagwant Mann Open Debate Live: मुख्यमंत्री भगवंत मान और अन्य राजनीतिक दलों के बीच पंजाब से संबंधित मुद्दों पर लुधियाना में आज खुली बहस खत्म हो गई है। इसमें विपक्षी दल नदारद दिखे। इसका नाम सीएम ने मैं पंजाब बोलदा हां रखा है। पढ़ें डिबेट से जुड़ी बड़ी तमाम अपडेट्स...

CM Bhagwant Mann Open Debate Live Updates: पंजाब सरकार ने 1 नवंबर को लुधियाना में सीएम भगवंत मान और अन्य सभी राजनीतिक दलों के बीच होने वाली खुली बहस की खत्म हो चुकी है। सीएम मान ने इस डिबेट को 'मैं पंजाब बोलता हूं' नाम दिया है। इस बहस के लिए पंजाब सरकार की ओर से पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU) के डॉ. मनमोहन सिंह ऑडिटोरियम को बुक किया गया। सीएम भगवंत मान यहां पर पहुंचें। उन्होंने इस दौरान कई मुद्दे रखे थे। हालांकि, विपक्ष इस डिबेट में नदारद दिखा था। सीएम मान के पंजाब के 3 करोड़ लोगों को खुले निमंत्रण से पुलिस और प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। इस बहस में मुख्यमंत्री भगवंत मान और वरिष्ठ विपक्षी नेताओं की भागीदारी को देखते हुए लुधियाना शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऑडिटोरियम में एक हजार लोग बैठ सकते हैं लेकिन कई वीवीआईपी की मौजूदगी के कारण वहां सिर्फ 800 लोगों को ही बिठाया जा सकता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के अलावा आम आदमी पार्टी का कोई भी विधायक इस बहस में हिस्सा नहीं लेगा। यह भी कहा जा रहा है कि मंच पर कोई बैनर या नारा न लगाया जाए।

मैं पंजाब बोलता हूं, बड़ी बहस खत्म

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राजनीतिक दलों को पंजाब के विभिन्न मुद्दों पर खुली बहस के लिए आमंत्रित किया। विपक्षी दलों की गैरमौजूदगी में सीएम मान ने पंजाब के मुद्दे उठाए। इसके बाद मैं पंजाब बोलता हूं, बड़ी बहस खत्म हो गई।

बालासर फार्म का मुद्दा भी उठाया गया

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1998 में जब प्रकाश बादल दोबारा मुख्यमंत्री बने। हरियाणा को अधिक पानी देने के इरादे से उन्होंने बीएमएल नहर का किनारा औसतन एक फुट ऊंचा कर दिया और इसके लिए उन्होंने हरियाणा से 45 करोड़ रुपये भी लिए। ऐसा उन्होंने सिर्फ अपने बालासर फार्म के लिए किया जो हरियाणा में है। इस प्रकार बादल सरकार ने अपने हितों के लिए हरियाणा को पानी दिया और हरियाणा ने नहरें बनाकर उनके खेतों को पानी दिया।

पंजाब के खजाने पर कर्ज 2012 से बढ़ना शुरू हुआ

सीएम मान ने कहा कि 2012 से पंजाब के खजाने पर कर्ज का बोझ बढ़ना शुरू हो गया था। 2012 में कर्ज 83099 करोड़ रुपये था, जो अब 3.14 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। कई पुराने भुगतान छोड़ दिए गए। जिसे अब धीरे-धीरे वापस किया जा रहा है।

पंजाब में 1.79 लघु उद्योग पंजीकृत

सीएम भगवंत मान ने कहा कि पहले की सरकारों ने नौकरियां दीं, नियुक्ति पत्र दिए। फिर चुनाव हुए और सरकारें बदल गईं। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिल सकी। अब आम आदमी पार्टी की सरकार नौकरियां दे रही है। इसके साथ ही पंजाब इंडस्ट्री पर भी विशेष ध्यान दे रहा है। सिर्फ 18 साल में हम 56796 करोड़ रुपये का निवेश लाए। जबकि पिछले पांच साल में यह 1.17 लाख रुपये और उससे पहले 2013 से 2017 तक 32995 करोड़ रुपये था।

दूसरा मुद्दा परिवहन का है

सीएम भगवंत मान ने दूसरा मुद्दा ट्रांसपोर्ट का उठाया। सीएम मान ने अकाली दल की कुर्सी की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने गलत रास्ता अपनाया। दिल्ली एयरपोर्ट से प्राइवेट बसें चलती थीं। किराया 3500 रुपये था। 'आप' सरकार ने दिल्ली एयरपोर्ट से 1100 रुपये में बसें शुरू कीं। टोल प्लाजा कांग्रेस और अकाली दल के समय में बनाए गए थे। ये टोल प्लाजा पहले भी बंद हो सकते थे लेकिन इनकी तारीखें बढ़ा दी गई हैं। आप के सत्ता में आने के बाद 14 टोल प्लाजा बंद कर दिए गए।

आप का ट्वीट

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के सभी विपक्षी नेताओं को खुली बहस की चुनौती दी थी लेकिन एक भी नेता बहस में नहीं आया। आप ने ट्वीट कर कहा कि बंगले में बैठकर मीडिया के सामने बयान देना बहुत आसान है, अगर हिम्मत है तो जनता के सामने बहस करके दिखाएं।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किया संबोधित

आप लोग नये युग के प्रत्यक्षदर्शी बन रहे हैं। हम यहां इस बहस को जीतने या हारने के लिए नहीं हैं। इस दौरान जिंदाबाद और मुर्दाबाद के कई नारे नहीं सुनाई देंगे। 20-25 दिन से आने का बहाना बना रहे थे। अगर मेरे सहकर्मी यहां आएं तो अच्छा होगा। अगर आप चुनाव हार गए तो अब आपके पाप माफ कर दिए जाएंगे। पंजाब में जल वितरण की अलग व्यवस्था क्यों। पहले विरोधी एक-दूसरे से सवाल नहीं पूछते थे। एसवाईएल की जगह वाईएसएल होना चाहिए था। हमारी सतलज नहर बन गयी है। हमारे पास देने के लिए पानी नहीं है। जल लेना है तो यमुना से लो। लोगों ने मुझे जिम्मेदारी दी है तो मैंने उसे पूरी लगन से निभाया है। कैप्टन और इंदिरा गांधी ने ही बातचीत की। सरकारों ने कभी पानी का मुद्दा नहीं उठाया। मैंने केंद्र और हरियाणा के साथ बैठक में वाईएसएल का मुद्दा उठाया।

सीएम भगवंत मान ने एसवाईएल का मुद्दा उठाया

सीएम भगवंत मान ने कहा कि 20-25 साल पहले शुरू हुई बहस के बाद विपक्षी नेताओं ने आने से इनकार कर दिया है। यह पहली बार है कि राज्य की तीन सत्ताधारी पार्टियां कांग्रेस, बीजेपी और अकाली दल पहली बार पंजाब की सत्ता से बाहर हुई हैं। मुख्यमंत्री ने सबसे पहला मुद्दा एसवाईएल का उठाया। जिसके लिए वह उपयुक्त स्लाइड बनाकर लाए। जिसमें एसवाईएल को लेकर अब तक लिए गए फैसलों पर चर्चा की गई।

सुखबीर सिंह बादल ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए

सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीट कर खुली बहस को लेकर सख्त सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने खुली बहस को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा है कि पंजाब दिवस के मौके पर कर्फ्यू लगाया गया। सार्वजनिक प्रवेश वर्जित है। दंगा निरोधक टीमें तैनात कर दी गई हैं. सिख और अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों को हिरासत में ले लिया गया है। उन्होंने आगे लिखा कि ये एक खुली बहस है।

सुनील जाखड़ का ट्वीट

सुनील जाखड़ ने ट्वीट कर कहा कि भगवंत मान, आपकी पुलिस आम लोगों को डिबेट में नहीं आने दे रही है। अगर आपको ऐसा करना ही था तो पुलिस अकादमी, फिल्लौर में बिना वर्दी वाली पुलिस को दर्शकों के बीच बिठाकर कार्यक्रम करना होता। लुधियाना शहर को सील करने की कोई जरूरत नहीं पड़ी और पंजाबियों को परेशानी नहीं उठानी पड़ी। पंजाब जवाब मांगता है।

कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां यूनिवर्सिटी पहुंचे

पंजाब के कैबिनेट मंत्री गुरुमीत सिंह खुडियां यूनिवर्सिटी पहुंचे और सुरक्षा का निरीक्षण कर लौट गये. उनका कहना है कि सभी विपक्षी दलों को आमंत्रित किया गया है और सभी को इस बहस में हिस्सा लेना चाहिए

महाडिबेट में हिस्सा लेने आए शिव सेना पंजाब के अध्यक्ष संजीव घनौली

शिवसेना पंजाब के अध्यक्ष संजीव घनौली आज सुबह लुधियाना में हो रही ओपन डिबेट में भाग लेने के लिए अपने निवास स्थान घनौली से निकले तो स्थानीय पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस मौके पर संजीव ने कहा कि क्या मुझे लुधियाना जाने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम पंजाब के बारे में बात करने जा रहे हैं, हम पंजाब के मुद्दों पर बात करने जा रहे हैं, लेकिन हमें रूपनगर में रोक दिया गया है। हम खासतौर पर पंजाब के पानी के मुद्दे पर बात करते थे कि पंजाब के पास किसी को देने के लिए एक बूंद भी नहीं है, लेकिन हमें वहां आवाज उठाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। हमें लुधियाना पहुंचना था लेकिन हमें रोक दिया गया है।

पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए

बहस से संबंधित तैयारियों को पूरा करने और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार के सभी शीर्ष अधिकारियों ने लुधियाना में डेरा डाल दिया है। व्यवस्थाएं देखने के लिए मंगलवार को लुधियाना की डीसी सुरभि मलिक खुद ऑडिटोरियम पहुंचीं। पंजाब पुलिस के स्पेशल डीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) अर्पित शुक्ला खुद दो दिनों से सुरक्षा व्यवस्था को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। पीएयू की ओर जाने वाली सड़कों पर बैरिकेडिंग की जा रही है। हालांकि, सरकार नहीं चाहती कि लोगों को रोकने के लिए किसी तरह की सख्ती की जाए। ऐसे में अधिकारियों को यह चिंता सता रही है कि अगर वीवीआईपी लोगों और उनके समर्थकों के अलावा अन्य लोगों की भीड़ जुटी तो इंतजाम में कमी आ सकती है।

Tags

Next Story