मणिपुर में खतरे में आई बीजेपी सरकार, कई विधायकों ने दिया इस्तीफा

मणिपुर में खतरे में आई बीजेपी सरकार, कई विधायकों ने दिया इस्तीफा
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मणिपुर में बीजेपी के कई विधायकों के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री बिरेन सिंह की कुर्सी पर संकट आ गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस सरकार अपने दावेदारी की भी पेशकश कर सकती है।

मणिपुर में बीजेपी पर सियासी संकट आ गया है। जानकारी के अनुसार, बीजेपी के तीन विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। ये तीनों विधायक बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

नेशनल पीपुल्‍स पार्टी (NPP) के चार विधायकों ने छोड़ा मंत्रीपद

रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल पीपुल्स पार्टी के उप-मुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार के साथ-साथ पार्टी के तीन अन्य मंत्रियों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इन मंत्रियों में ट्रायबल एंड हिल्स एरिया डेवलपमेंट मिनिस्टर एन. कयिशी, यूथ अफेयर्स एंड हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनिस्टर एल. जयंत कुमार सिंह और स्पोर्ट्स मिनिस्टर लेतपाओ हाओकिप शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री जॉय कुमार के साथ-साथ एन कयिशी और लेतपाओ हाओकिप ने मणिपुर के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की जानकारी दी। उन्होंने पत्र में लिखा कि मैं बीजेपी सरकार से अपना इस्तीफा देता हूं।

टीएमसी और निर्दलीय विधायक ने भी लिया समर्थन वापस

इतना ही नहीं, एक टीएमसी और एक निर्दलीय विधायक ने भी बीजेपी से अपना समर्थन वापस ले लिया है। जानकारी के अनुसार, टीएमसी विधायक के टी रोबिंद्रो सिंह और निर्दलीय विधायक शाहबुद्दीन ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है।

2017 विधानसभा चुनाव के नतीजे

2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 28 सीटें मिली थी, जबकि बीजेपी को 21 सीटें मिली थी। एनपीएफ के खाते में 4, टीएमसी के खाते में 1, एलजेपी के खाते में एक और आईएनडी के खाते में भी एक सीट आई थी। BJP को एनपीएफ, एनपीपी, टीएमसी, एलजेपी और आईएनडी का समर्थन था।

सियासी फेरबदल

इस सियासी फेरबदल में अब बीजेपी के पास 18 विधायक ही बचे हैं। एनपीपी के चार, टीएमसी के एक और आईएनडी के एक विधायक ने अपना समर्थन बीजेपी से वापस ले लिया है। अब बीजेपी के पास कुल 23 विधायकों का समर्थन है, जबकि कांग्रेस के पास 33 विधायकों का समर्थन है।

मुख्यमंत्री की कुर्सी पर संकट

इस पूरे समीकरण पर गौर करें तो मुख्यमंत्री बिरेन सिंह की कुर्सी कभी भी छिन सकती है। ऐसे में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। इसके अलावा कांग्रेस अपने दावेदारी की भी पेशकश कर सकती है।

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