मणिपुर कैबिनेट का बड़ा फैसला, अगर 4 बच्चे किए पैदा तो नहीं मिलेगी ये सभी सरकारी सुविधाएं, जानें कब से लागू हो रहा नियम

मणिपुर कैबिनेट का बड़ा फैसला, अगर 4 बच्चे किए पैदा तो नहीं मिलेगी ये सभी सरकारी सुविधाएं, जानें कब से लागू हो रहा नियम
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मणिपुर (Manipur) में सीएम एन बीरेन सिंह की कैबिनेट ने एक बड़ा ही अहम फैसला लिया है। राज्य में जल्द ही फॉर चाइल्ड पॉलिसी को लागू किया जाएगा।

देश में जनसंख्या की रोकथाम (Population prevention) को लेकर आरएसएस चीफ (RSS Chief) का बयान आने के बाद अब मणिपुर (Manipur) में सीएम एन बीरेन सिंह की कैबिनेट ने एक बड़ा ही अहम फैसला लिया है। राज्य में जल्द ही फॉर चाइल्ड पॉलिसी को लागू किया जाएगा। सरकार मणिपुर में एक अध्यादेश लाकर इसे लागू करेगी। साथ ही राज्य में कैबिनेट ने मणिपुर स्टेट पॉप्युलेशन कमिशन के संविधान को भी मंजूरी भी दी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर कैबिनेट फॉर चाइल्ड पॉलिसी को राज्य में सख्त तौर पर लागू करने का संकल्प लिया है। जिसके आधार पर किसी भी नागरिक के 4 से ज्यादा बच्चे होने पर उन्हें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यह फैसला मणिपुर सीएम एन बीरेंन सिंह के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।

राज्य कैबिनेट ने मणिपुर राज्य पॉपुलेशन कमीशन के संविधान को भी अपनी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट मीटिंग के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राज्य के आईपीआर मंत्री ए राजन ने जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में 50 से ज्यादा मुद्दों को रखा गया था।

आगे कहा कि मणिपुर विधानसभा ने इससे पहले पूर्वोत्तर राज्य में पॉपुलेशन कमीशन की स्थापना के लिए एक निजी सदस्य के प्रस्ताव को अपनाया था। भारतीय जनता पार्टी के विधायक जॉयकिशन ने राज्य में कथित तौर पर बाहरी लोगों की बढ़ोतरी के प्रस्वात को रखा था। आधिकारिक आकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि साल 1971-2001 में जनसंख्या मणिपुर जैसे पहाड़ी जिलों में 153.3 फीसदी से बढ़कर साल 2001-2011 तक 250 फीसदी हो गई।

कैबिनेट बैठक में जनसंख्या बढ़ोतरी पर नियंत्रण के अलावा इनर लाइन परमिट सिस्टम यानी आईएलपीएस और राज्य में गृह और स्वास्थ्य विभागों में कई पदों पर भर्ती का फैसला लिया है। राज्य कैबिनेट ने राज्य में बाहर से आकर रहने वाले सभी गैर स्थानीय लोगों के लिए अपने रहने की जगह और मोबाइल नंबर को आधार से जुड़ा जरुरी कर दिया है। आईपीआर मंत्री ने आगे कहा कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए भर्तियों में तीन साल की छूट दी जाएगी।

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