फांसी की सजा पाने वाली शबनम की वो दो गुजारिशें, जो अब रह न सकीं राज...

देश में आजादी के बाद फांसी की सजा पाने वाली पहली महिला शबनम इस वक्त सबसे ज्यादा अगर किसी बात को सोच रही होगी तो वो निश्चित तौर पर उसके बेटे ताज से ही जुड़ी होगी। अपने परिवार के सात सदस्यों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या करने वाली शबनम की आंखों से अगर आंसू निकलते हैं तो केवल उसके बेटे ताज के लिए। ताज की परवरिश सही ढंग से हो, इसके लिए उसे गोद देने से पहले शबनम ने दो गुजारिशें की थीं, लेकिन अफसोस अब वह बात छिपी नहीं रही, जो वो अपने बेटे से छिपाए रखना चाहती थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमरोहा की रहने वाली शबनम ने अप्रैल 2008 में अपने पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम और दस महीने का भतीजा अर्श समेत सात सदस्यों की हत्या की थी, उस वक्त वह गर्भवती थी। दिसंबर 2008 में जेल के भीतर ही उसे बेटा हुआ, जिसका नाम ताज रखा। जेल नियमों के हिसाब से कैदी महिलाएं छह साल से बड़े बच्चे को अपने साथ नहीं रख सकतीं। ऐसे में ताज के लिए ऐसे परिवार की तलाश शुरू हुई, जो कि उसका ख्याल रख सके। शबनम की यह तलाश उसके कॉलेज फ्रेंड उस्मान सैफी पर आकर खत्म हुई। शबनम कॉलेज के दिनों में उस्मान की आर्थिक मदद भी किया करती थी, जिस कारण वह उसे अपनी बड़ी बहन की तरह मानता था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शबनम ने ताज को गोद देते समय उस्मान से दो वादे लिए थे। पहला यह कि ताज को कभी उसके पैतृक गांव लेकर न जाए और दूसरा यह कि उसका नाम बदलकर परवरिश करे। लेकिन अब पूरी दुनिया जान चुकी है कि ताज उसका बेटा है और वह कहां पर रहता है। बतौर उस्मान वह शबनम के लिए सबसे विश्वसनीय व्यक्ति है, लेकिन इसके बावजूद शबनम अपने बेटे ताज को गोद देते समय असहज रहती थी। उसे बहुत टाइम लगा, यह भरोसा करने में कि ताज की परवरिश अच्छे से होगी।
ताज ने की ये अपील
शबनम के बेटे ताज ने अपनी मां की जान बख्शने के लिए महामहिमत राष्ट्रपति से गुहार लगाई है। मीडिया में सामने आई तस्वीरों में ताज एक तख्ती लिए दिखाई दे रहा है, जिस पर लिखा है, 'राष्ट्रपति अंकल जी, मेरी मां शबनम को माफ कर दीजिए।' इस बीच उस्मान ने एक और वाक्या मीडिया से साझा किया है। उस्मान ने बताया कि कुछ दिन पहले ताज को शबनम से मिलाने गए थे। बेटे को देखते ही वह फफक कर रो पड़ी। जितना वक्त ताज वहां रहा, वह उसे चूमती रही और कहती रही कि अच्छे से पढ़ाई करना। किसी को तंग नहीं करना। बतौर उस्मान, शबनम ने यह भी कहा कि मैं बुरी मां हूं, मुझे कभी याद मत करना। अच्छा इंसान बनना।
जेल में तैयारियां शुरू
शबनम को मथुरा जेल में फांसी दी जाएगी, जिसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। जल्लाद पवन कुमार दो बार फांसी स्थल का निरीक्षण कर चुके हैं। फांसी के लिए बिहार से रस्सी तैयार कराई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मथुरा जेल प्रशासन ने कोर्ट से डेथ वारंट इश्यू करने के लिए पत्र भी लिख दिया है।
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