असम में लगातार बारिश से जन जीवन ठप, भूस्खलन से दो बच्चों की मौत- जानें राज्य का हाल

असम (Assam) राज्य में लगातार तीसरे दिन बारिश (Rain) जारी है। जिस वजह से कई जगहों पर भूस्खलन (Landslide) हुआ है और कई इलाकों में बाढ़ भी आ गई है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में भूस्खलन (Landslide) के कारण 8 और 11 साल के दो बच्चों (Two Children Died) की मौत हो गई है।
अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ की स्थिति ने भी विकराल रूप ले लिया है। ग्वालपारा जिले के आजाद नगर इलाके में एक घर गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई है। मृतकों की पहचान 11 वर्षीय हुसैन अली और 8 वर्षीय अस्मा खातून के रूप में हुई है। इसी के साथ इस साल असम में बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है।
वहीं भूस्खलन के कारण गुवाहाटी के नूनमती इलाके में तीन लोगों को चोटें आईं हैं। खारगुली क्षेत्र के जॉयपुर, बोंडा कॉलोनी, दक्षिण सरानिया, गीतानगर के अमायापुर और 12 माइल समेत कई इलाकों में मलबा जमा होने से रोड बंद हो गया है। अधिकारियों ने कहा कि निजारापार की ओर जाने वाली सड़क को साफ करने का काम चल रहा है।रिपोर्ट के मुताबिक, राजभवन के पास मूसलाधार बारिश से दो बिजली के खंभे भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राज्य के कम से कम 18 जिलों में अभी भी भारी बारिश हो रही है। लगातार बारिश होने के कारण कामरूप मेट्रो, कामरूप, नलबाड़ी और बारपेटा से ताजा क्षेत्रों में बाढ़ की सूचना है।
18 जिलों में बाढ़ से करीब 75 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, जबकि मानस नदी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके अलावा गुवाहाटी में अनिल नगर, नबीन नगाए, जू रोड, सिक्स माइल, नूनमती, भूतनाथ, मालीगांव जैसे इलाकों में लगातार तीसरे दिन भी जलभराव जारी रहने से जनजीवन ठप हो गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि जब तक जरूरी न हो अपने घरों से बाहर न निकलें।
निचले असम जिलों के उपायुक्तों ने भी शैक्षणिक संस्थानों को शनिवार तक कक्षाएं स्थगित करने के निर्देश जारी किए हैं। क्योंकि क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने 'असम और मेघालय में भारी से बहुत भारी और अत्यधिक भारी वर्षा' की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने मंगलवार से गुरुवार तक असम और मेघालय के लिए 'रेड अलर्ट' और शुक्रवार और शनिवार तक के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है। जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों की सहायता के लिए सात शिविर और नौ राहत वितरण केंद्र खोले हैं। कुल 1,224 लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है।
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