Mausam Ki Jankari : पहली बार मौसम विभाग ने जारी किया पीओके का वेदर बुलेटिन, जानें वजह

Mausam Ki Jankari : पहली बार मौसम विभाग ने जारी किया पीओके का वेदर बुलेटिन, जानें वजह
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Mausam Ki Jankari : भारतीय मौसम विभाग ने पहली बार पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) का वेदर बुलेटिन जारी किया है।

Mausam Ki Jankari : भारतीय मौसम विभाग ने पहली बार पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) का वेदर बुलेटिन जारी किया है। आज पहली बार पीओके के गिलगित, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद का मौसम जारी किया गया है।

मौसम विभाग के निर्देशक जनरल मृत्युंजय महापात्र ने जानकारी देते हुए बताया कि पहली बार भारत के मौसम विभाग ने गिलगित बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के लिए मौसम का वेदर ब्रिटेन जारी किया है। अब से पीओके के इन इलाकों का भी भारतीय मौसम विभाग वेदर ब्रिटेन जारी किया करेगा।

मौसम विभाग ने बताया कि पीओके भारत का हिस्सा है और बीते दिनों केंद्र सरकार के स्टैंड के मद्देनजर हमने यह फैसला लिया है। पीओके भारत का हिस्सा है। यह कदम तब उठाया गया है, जब पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गिलगित और बालटिस्तान में चुनाव की घोषणा की। जिसका भारत सरकार ने कड़ा विरोध जताया है।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मौसम विभाग जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए वेदर बुलिटिन जारी करता है। और हमने फैसला किया है कि हम इन पीओके के तीन इलाकों के भी बुलेटिन जारी किया करेंगे क्योंकि यह भारत के हिस्से हैं। मौसम विभाग भारत के अलावा अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान के लिए भी मौसम की जानकारी देता है।

वैसे पीओके के यह तीनों इलाके उत्तर-पश्चिमी डिवीजन में आते हैं। जिसके बाद अब उत्तर-पश्चिमी डिवीजन में 9 सबडिवीजन है। जिसमें उत्तर पश्चिम के सभी राज्य आते हैं।

भारत के मौसम विभाग ने जम्मू और कश्मीर के अपने मौसम संबंधी उप-विभाजन का उल्लेख जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद" के रूप में करना शुरू कर दिया है। मुजफ्फराबाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हिस्सा है, जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान भी अवैध पाकिस्तानी कब्जे में है।

मौसम द्वारा जारी उत्तर पश्चिमी भारत के लिए दैनिक पूर्वानुमान में मंगलवार से नाम में परिवर्तन दिखाई देने लगा। दैनिक क्षेत्र-वार पूर्वानुमान पूरे उप-विभाजन के लिए हैं, न कि किसी विशिष्ट क्षेत्र के लिए। विज्ञापन विज्ञापन आईएमडी के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की कि नाम का परिवर्तन हुआ था। आईएमडी का कदम न केवल एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख की बदली हुई स्थिति को दर्शाता है बल्कि एक महत्वपूर्ण अंतर्निहित संदेश देता है।

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