विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान, चीन और भारत शांति से सुलझाना चाहते हैं मुद्दा

विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान, चीन और भारत शांति से सुलझाना चाहते हैं मुद्दा
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विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों पक्षों ने यह भी कहा कि इस साल भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ है और सहमति व्यक्त की कि मिलकर एक प्रारंभिक संकल्प रिश्ते के आगे विकास में योगदान दिया जाएगा।

भारत-चीन बॉर्डर पर चल रहे विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच कॉर्प्स कमांडर स्तर की बीतचीत हुई। इसे लेकर आज को विदेश मंत्रालय (एसईए) ने बयान जारी किया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विदेश मंत्रालय का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में ​स्थिति का हल निकालने और शांति सुनिश्चित करने और लिए दोनों पक्ष सैन्य और कूटनीतिक तौर पर जुड़े रहेंगे।

दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांतिपूर्वक हल निकालने के लिए सहमत हुए हैं। ये फैसला विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों और नेताओं के बीच हुए समझौते को ध्यान में रखते हुए लिया गया है कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों पक्षों ने यह भी कहा कि इस साल भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ है और सहमति व्यक्त की कि मिलकर एक प्रारंभिक संकल्प रिश्ते के आगे विकास में योगदान दिया जाएगा।

5 घंटे चली बैठक

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते शनिवार दोनों पक्षों के बीच करीब 5 घंटे बैठक हुई। बैठक में भारत ने स्पष्ट कर दिया कि बॉर्डर पर अप्रैल से पहले वाली स्थिति बहाल होनी चाहिए। हम अपने बॉर्डर के अंदर कोई भी निर्माण कार्य कर सकते हैं। बैठक में हुई बातचीत की पूरी जानकारी प्रधानमंत्री कार्यलय (पीएमओ) को दे दी गई है।

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