MeToo campaign : पूूर्व मंत्री एमजे अकबर की मानहानि केस में प्रिया रमानी बरी, कोर्ट ने रामायण का जिक्र कर महिला अपराधों के खिलाफ कही ये बड़ी बातें...

देश में चले MeToo कैम्पेन के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मानहानि केस में बरी कर दिया है। मानहानि का केस करने वाले एमजे अकबर तब मोदी सरकार में विदेश राज्यमंत्री थे। कोर्ट से बरी होने के बाद प्रिया रमानी ने फैसले पर खुशी जताई।
कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को अधिकार है कि वह घटना के एक दशक बाद भी उचित मंच पर शिकायत कर सकें। रामायण में जब लक्ष्मण से सीता के बारे में बताने को कहा गया तो उन्होंने कहा था कि उनकी नजर कभी सीता जी के पैरों से ऊपर ही नहीं गई। भारतीय मूल्यों में महिलाओं के प्रति सम्मान का यह एक उदाहरण है। शर्म की बात है कि जहां महिलाओं के सम्मान को लेकर महाभारत और रामायण लिखी जा चुकी है, उस देश में महिलाओं के खिलाफ ऐसे अपराध हो रहे हैं। समाज को समझना होगा कि महिलाओं पर यौन उत्पीड़न का कैसा असर होता है।
प्रिया रमानी ने खुशी जताई
मानहानि केस में बरी होने के बाद प्रिया रमानी ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि मैं खुश हूं कि कोर्ट में मेरी सच्चाई साबित हुई। मेरे लिए बीता वक्त बेहद मुश्किलों भरा था, जिन लोगों ने मेरा साथ दिया, उन सभी का शुक्रिया। बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ 15 अक्टूबर 2018 को आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। प्रिया रमानी ने 2018 में सोशल मीडिया पर चले 'मीटू कैम्पेन' के तहत अकबर के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे। हालांकि, अकबर ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। अकबर ने 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
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