J&K: रोशनी जमीन घोटाले की CBI जांच में अब महबूबा मुफ्ती का खुलासा, कब्जा कर बनाया था पीडीपी ऑफिस

जम्मू-कश्मीर के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जमीन रोशनी घोटाले में जुड़े नेताओं के नामों का तार बढ़ता ही जा रहा है। इस रोशनी जमीन घोटाले में पीडीपी, कांग्रेस के नेता, फारुक अब्दुल्ला, पूर्व वित्त मंत्री, आईएस अधिकारी के नाम सामने आए हैं। इस बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की मुखिया और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के नाम का भी खुलासा हुआ है।
पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती पर सरकारी जमीन हड़पने का आरोप है। इस मामले में सीबीआई की जांच जारी है। सीबीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, महबूबा मुफ्ती ने जम्मू के संजवान इलाके में सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर लिया था औऱ यहां पर अपनी पीडीपी पार्टी के लिए एक ऑफिस बना दिया गया।
सीबीआई अधिकारी का कहना है कि पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने जम्मू के संजवान इलाके में अवैध ढंग से तीन कनाल सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखी हुई है। इस जगह पर पीडीपी पार्टी का ऑफिस बना दिया गया। इसी ऑफिस के पहले फ्लोर पर नेता राशिद खान अपना ठिकाना बना रखा है।
इस जमीन पर कब्जा करने के दौरान पीडीपी की सरकार थी। इसके अलावा पीडीपी के नेता चौधरी तालिब हुसैन ने जम्मू डिविजन के चन्नी रामा इलाके में दो कनाल सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। बता दें कि तालिब हुसैन पर रेप का आरोप है और महबूबा मुफ्ती ने अप्रैल 2019 में अपनी पार्टी में शामिल किया था।
रोशनी एक्ट क्या है?
सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा हटाने और फिर ऐसे लोगों को रहने के लिए दूसरी जगह देने के लिए जम्मू-कश्मीर में रोशनी एक्ट लाया गया था। इस कानून को फारूक अब्दुल्ला की सरकार ने साल 2001 में लागू किया था। इस एक्ट के तहत लोगों को ज़मीन का मालिकाना हक देने के लिए योजना तैयार की गई थी।
इस जमीन पर अवैध तरीके से कब्ज़ा करने वालों को बदले में कुछ रकम चुकानी पड़ती थी। इस रकम का इस्तेमाल राज्य में बिजली का ढांचा सुधारने में किया जाता है। इस के चलते इस एक्ट का नाम रोशनी पड़ा।
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