AI Analyses: सरकार ने AI से 87 करोड़ मोबाइल कनेक्शन पर किया सर्वेक्षण, 41 लाख नंबर जाली कागजों से लिए

AI Analyses: भारत समेत दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) का उपयोग किया जा रहा है। अब सरकार भी इसका इस्तेमाल कर रही है। केंद्रीय संचार मंत्रालय (Ministry Of Communications) द्वारा एआई का उपयोग करके पता चला कि पूरे भारत में 87.85 करोड़ मोबाइल कनेक्शनों में से 40.87 लाख नंबर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके प्राप्त किए गए थे। भारत में कुल 131 करोड़ ग्राहक हैं, जो 22 लाइसेंस सर्किल में मौजूद हैं। चरण-1 में 87.85 करोड़ लोगों पर इसका विश्लेषण किया गया था।
संचार मंत्रालयों ने दिए आंकड़े
संचार मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को भेजे गए एक आंकड़े में कहा कि 40.87 लाख धोखाधड़ी कनेक्शनों (Fake Connections) का पता एएसटीआर (ASTR) का उपयोग करके लगाया गया है। सरकार ने इस दौरान तकरीबन 38 लाख नंबर काट दिए गए है। संचार मंत्रायल ने भारत भर के 22 एलएसए सर्किलों में कुल 87 करोड़ मोबाइल कनेक्शनों का सर्वेक्षण किया और ऐसे कनेक्शनों की बिक्री में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के 44,582 प्वाइंट ऑफ सेल्स (Pos) की भागीदारी का भी खुलासा किया।
वहीं, जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में 1.20 करोड़ मोबाइल कनेक्शनों का सरकार के द्वारा सर्वेक्षण किया गया था और इनमें से तकरीबन 15,194 कनेक्शन फर्जी या जाली दस्तावेजों के आधार पर लिए गए थे। इसमें जांचकर्ताओं के चेहरे एक जैसे थे और नाम सभी के अलग-अलग थे। इन धोखाधड़ी वाले कनेक्शनों में से 14,494 नंबर काट दिए गए।
इसी तरह हरियाणा में भी इसी तरह का सर्वेक्षण किया गया था। यह सर्वेक्षण हरियाणा (Haryana) में 3.08 करोड़ कनेक्शनों पर किया गया था। इनमें से 5.33 लाख नंबर फर्जी कागजों का इस्तेमाल करके लिए गए थे। इसके बाद, 5.24 लाख नंबर काट दिए गए थे। पंजाब (Punjab) सर्कल में 3.17 करोड़ नंबरों का सर्वेक्षण किया गया, जिनमें से 1,51 लाख धोखाधड़ी वाले कनेक्शन पाए गए और 1.44 लाख नंबर काट दिए गए।
अब तक इतनी एफआईआर दर्ज
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में लाखों फर्जी मोबाइल कनेक्शन (Fake Connections) हैं, लेकिन सिर्फ 181 प्राथमिकी ही दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा 86 मामले जम्मू-कश्मीर में और सबसे कम मामला दिल्ली (Delhi) में पाया गया है। यहां पर 1 ही केस है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि सबसे ज्यादा फर्जी कनेक्शन पश्चिम बंगाल में पाए गए, लेकिन एक भी केस दर्ज नहीं किया गया है। पंजाब में केवल 13 एफआईआर दर्ज की गई है और हरियाणा में केवल पांच ही प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
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