India Denied Report: निज्जर हत्याकांड विवाद के बीच सीक्रेट मेमो की बहस, विदेश मंत्रालय ने दिया कड़ा जवाब

India Denied Report: निज्जर हत्याकांड विवाद के बीच सीक्रेट मेमो की बहस, विदेश मंत्रालय ने दिया कड़ा जवाब
X
India Denied Report: एक विदेशी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत ने अप्रैल 2023 में एक सीक्रेट मेमो जारी किया था। इसमें सिख अलगाववादियों की सूची है। भारत ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है।

India Denied Report: भारत-कनाडा विवाद के बीच, हमारे विदेश मंत्रालय ने हाल ही में प्रसारित कई रिपोर्टों का खंडन किया, जिसमें दावा किया गया था कि भारत ने सिख प्रवासी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उत्तरी अमेरिकी स्थित वाणिज्य दूतावास को एक गुप्त ज्ञापन भेजा था। भारत ने इस मेमो को फर्जी बताया है। मंत्रालय ने रिपोर्ट को फर्जी और पूरी तरह से मनगढ़ंत बताया और कहा कि ऐसा कोई मेमो नहीं है।

विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह भारत के खिलाफ लगातार चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है। यह आउटलेट पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी द्वारा फैलाई गई फर्जी खबरों के प्रचार-प्रसार के लिए जाना जाता है। साथ ही, बयान में कहा गया कि जो लोग ऐसी फर्जी खबरें प्रचारित करते हैं वे अपनी विश्वसनीयता खो देते हैं। बागची ने इस मामले पर सोशल मीडिया पर बयान जारी किया।

सीक्रेट मेमो के अप्रैल 2023 में जारी होने का दावा किया गया

विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारत ने अप्रैल 2023 में एक सीक्रेट मेमो जारी किया था। मेमो में खालिस्तान आतंकी हरदीप सिंह निज्जर सहित कई सिख अलगाववादियों को सूचीबद्ध किया गया था। दावा किया गया कि भारत ने यह मेमो निज्जर की हत्या से दो महीने पहले भेजा था। इस मेमो में निज्जर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देने का दावा किया गया था। निज्जर की हत्या के बाद कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक विवाद शुरू हो गया।

भारत और कनाडा के बीच तनाव

बता दें कि हाल ही में निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया था। इस बीच दोनों के रिश्ते तब खराब हो गए जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाया। हालांकि, भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया और आश्वासन दिया कि अगर कनाडा सबूत मुहैया कराए तो वह जांच प्रक्रिया में सहयोग करेगा।

ट्रूडो के आरोपों के कारण दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया और भारत ने कनाडा में अपनी वीजा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। इसके बाद वीज़ा सेवाएं फिर से शुरू हुईं लेकिन ओटावा को लगभग 40 राजनयिकों को भारत से वापस बुलाना पड़ा।

Tags

Next Story