बड़ी खबर : स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना डिस्चार्ज मरीजों की पॉलिसी बदली, नए नियम में रखीं शर्ते

बड़ी खबर : स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना डिस्चार्ज मरीजों की पॉलिसी बदली, नए नियम में रखीं शर्ते
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कोरोना वायरस के मामले लगातार तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इसी बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने हॉस्पिटल से कोरोना मरीजों के डिस्चार्ज होने की पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। नई

कोरोना वायरस के मामले लगातार तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इसी बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने हॉस्पिटल से कोरोना मरीजों के डिस्चार्ज होने की पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। नई पॉलिसी के मुताबिक, हल्के लक्षण वाले मरीजों को अब 10 दिन में छुट्टी मिल जाएगी। वही डिस्चार्ज से पहले टेस्ट जरूरी नहीं होगा। बस 7 दिन होम आइसोलेशन में रहना जरूरी होगा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मरीजों की डिस्चार्ज पॉलिसी में बदलाव करते हुए कहा की हल के लक्षण या फिर संक्रमण से पहले के लक्षण अगर किसी मरीज में दिखते हैं। तो उसे 10 दिन में छुट्टी दे दी जाएगी। लेकिन इसके लिए उन्होंने शर्त रखी। उन्हें 3 दिन से बुखार नहीं आया हो। डिस्चार्ज से पहले कोरोना टेस्ट जरूरी नहीं होगा। लेकिन जब अस्पताल से छुट्टी मिलेगी तो उसके बाद होम क्वारंटाइन रहना होगा।

वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जो मॉडरेट केस होंगे। वह सीधा ऑक्शन सेंटर में भेजे जाएंगे। इसके अलावा बॉडी का तापमान और ऑक्शन की नियमित जांच होगी। अगर बुखार 3 दिन में उतर जाता है और नहीं चढ़ता है। उसके बाद 10 दिन के अंदर कोरोना मरीज को छुट्टी दे दी जाएगी। लेकिन वहीं यह भी कहा कि सांस लेने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। यह भी डिस्चार्ज पॉलिसी के अंदर नियम बनाया गया है।

वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जिन मरीजों की रिकवरी नहीं हो रही है। उन्हें छुट्टी कब तक मिलेगी। कहा कि डिस्चार्ज पॉलिसी के लिए उन सभी कोरोना पेशेंट का टेस्ट नेगेटिव होना चाहिए। गंभीर मामलों में कोरोना के मरीज को छुट्टी नहीं मिलेगी। जब तक वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते हैं।

भारत में कुल 9 मरीजों की संख्या 60,000 के पार हो चुकी है, तो वही दो हजार से ज्यादा लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है। लेकिन अगर देखा जाए संक्रमण से ठीक होने वालों की तादाद भी तेजी से बढ़ रही है। अब तक 17 हजार लोग ठीक हो चुके हैं।

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