IAF : नौ दिन बाद मिला भारतीय वायुसेना का लापता विमान AN-32 का मलबा, सर्च ऑपरेशन जारी

IAF : नौ दिन बाद मिला भारतीय वायुसेना का लापता विमान AN-32 का मलबा, सर्च ऑपरेशन जारी
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पिछले नौ दिनों से लापता भारतीय वायुसेना के विमान एएन- 32 के कुछ हिस्से मिले हैं। भारतीय वायुसेना, आईटीबीपी और स्थानीय लोग विमान के सर्च ऑपरेशन में जुटे थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान अरूणाचल प्रदेश के लिपो के उत्तर में इसके सुराग मिले हैं। विमान एएन-32 ने तीन जून को असम के जोरहाट से उड़ान भरा था जिसके बाद से वह लापता हो गया था। विमान में कुल तेरह लोग शामिल थे जिनमें आठ क्रू मेंबर शामिल थे।

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) का पिछले नौ दिनों से लापता विमान एएन- 32 (AN-32)के कुछ हिस्से मिले हैं। भारतीय वायुसेना, आईटीबीपी और स्थानीय लोग विमान के सर्च ऑपरेशन में जुटे थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान अरूणाचल प्रदेश (Arunalchal Pradesh) के लिपो के उत्तर में इसके सुराग मिले हैं। विमान एएन-32 ने तीन जून को असम के जोरहाट से उड़ान भरा था जिसके बाद से वह लापता हो गया था। विमान में कुल तेरह लोग शामिल थे जिनमें आठ क्रू मेंबर शामिल थे। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों के मुताबिक विमान का मलबा एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने ढूंढा है। एमआई-17 अभी विमान की लोकेशन के ऊपर है। यह स्थान सियांग जिले के पयूम में स्थित है। वायुसेना अब यह पता लगा रही है कि जो मलबा मिला है वह क्या लापता एएन-32 ट्रांसपोर्ट विमान का ही है। उन्होंने बताया कि विमान का मलबा लिपो से 16 किलोमीटर उत्तर में मिला है और यह इलाका टाटो के उत्तर पूर्व में स्थित है। जमीन से 12 हजार फुट की ऊंचाई पर मलबा मिला है। एमआई-17 हेलीकॉप्टर अभी भी मलबे की तलाश में लगे हैं।


बता दें कि 3 जून से पूर्वोत्तर में लापता वायुसेना के एएन-32 विमान को ढूंढने के लिए अब सेना के रूस्तम ड्रोन की मदद ली जा रही थी। गुरुवार को इसे सर्च और रेस्क्यू अभियान (एसएआर) में अन्य सैन्य विमानों के साथ शामिल किया गया था।

  1. ड्रोन से पहले एएन-32 को ढूंढने के लिए वायुसेना ने इसरो की दो सैटेलाइट (कार्टोसैट और रीसैट) के अलावा नौसेना के लंबी दूरी के निगरानी विमान पी8आई को भी शामिल किया गया था। इस अभियान में सुखोई-30, मी-17, एएलएच और सी-130जे जैसे विमान भी शामिल गए।
  2. सैटेलाइट से वायुसेना को अभियान से जुड़े हुए इलाके की रीयल टाइम तस्वीरें भी मिल रही हैं, जिनका बल द्वारा विश्लेषण किया जा रहा है। लेकिन दूसरी ओर पी8आई को अब तक अभियान से जुड़े इलाके में उड़ान भरने की इजाजत वायुसेना ने नहीं दी है।

बता दें कि 3 जून 2019 यानी सोमवार दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर असम के जोरहाट से अरूणाचल प्रदेश के मेचूका एडवांस लेंडिंग ग्राउंड (एएलजी) की ओर उड़ान भरने वाले वायुसेना के परिवहन विमान एएन-32 को लेकर सशस्त्र सेनाएं और अन्य सरकारी एजेंसियों ने हवाई से लेकर जमीनी स्तर पर अपना सर्च अभियान चलाया था। इस विमान में कुल 13 लोग सवार थे। जिसमें वायुसेना के चालक दल के 8 कर्मियों के अलावा 5 सामान्य नागरिक भी शामिल हैं।


विमान का जोरहाट से उड़ान भरने के बाद वायुसेना के ग्राउंड पर मौजूद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) एजेंसी से मात्र आधे घंटे में करीब 1 बजे अंतिम बार संपर्क हुआ था। इसके बाद से इस विमान से कोई संपर्क नहीं हो सका। जब यह विमान अपने निधार्रित स्थल यानि मेचूका एएलजी पर नहीं पहुंचा तब वायुसेना द्वारा इसकी खोज के लिए तुरंत कार्रवाई करते हुए जरूरी कदम उठाने शुरू किए गए।


सर्च अभियान में वायुसेना के सी-130जे सुपर हरक्युलिस परिवहन विमान, एएन-32, दो मी-17 हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं। इसके अलावा सेना के ध्रुव (एएलएच) हेलिकॉप्टर को भी लापता विमान को ढूंढने के लिए वायुसेना के साथ सम्मिलित किया गया है। कुछ ग्राउंड रिपोर्टस में विमान के क्रैश होने की भी बात कही गई है। इसे जांचने के लिए हेलिकॉप्टरों को उक्त स्थान की ओर भेजा गया है, जिसमें अभी तक कोई मलबा नहीं देखा गया है।

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