मिशन चंद्रयान-2: विक्रम लैंडर की खोज करने में ISRO के साथ आया NASA, भेजा यह संदेश

मिशन चंद्रयान-2 को लेकर प्रत्येक दिन नए तथ्य निकलकर सामने आ रहे हैं। 7 अगस्त को को चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को चांद की सतह पर उतरना था लेकिन 2.1 किलोमीटर की दूरी से इसका संपर्क इसरो के कंट्रोल रूम से टूट गया। हालांकि इसके बाद भी इसरो किसी तरह विक्रम लैंडर तक संपर्क जोड़ने की कोशिशों में जुटा है। इस बीच खबर है कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने भी विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की कोशिश में हेलो मेसेज भेजा है।
नासा ने भेजा रेडियो संदेश
खबरों के मुताबिक नासा ने अपने डीप स्पेस नेटवर्क के जेट प्रपल्शन लेब्रोटरी (Jet Propulsion Laboratory) की प्रयोगशाला से विक्रम को एक रेडियो संदेश भेजा। हालांकि जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं विक्रम लैंडर से संपर्क होने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं।
14 दिन के भीतर करनी होगी कोशिश
इसरो के प्री-लॉन्च अनुमान के मुताबिक विक्रम लैंडर को सिर्फ एक लूनर डे के लिए ही सीधी सूरज की रोशनी मिलेगी। एक लूनर डे में धरती के 14 दिन होते हैं। यानि 14 दिन तक विक्रम को सूरज की रोशनी मिलेगी। तब तक ही उससे संपर्क बनने की उम्मीदें हैं। आज पांचवा दिन है और मात्र नौ दिन ही शेष हैं।
अगर सॉफ्ट लैंडिंग कर ली होती तो..
अगर इसरो को इस बात की भी जानकारी हासिल हो जाए कि इसके कम्युनिकेशन इक्विपमेंट क्षतिग्रस्त हो चुके हैं तो 14 दिन पूरे होने से पहले ही इस संपर्क की इस कोशिश को समाप्त किया जा सकता है और अगर इस लैंडर ने सॉफ्ट लैंडिंग कर ली होती तो भी इस अंधेरी रात में रहना पाना उसके लिए मुश्किल होता।
इसे विक्रम लैंडर का नाम भारतीय वैज्ञानिक, खगोलशास्त्री और भौतिक विज्ञानी विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। साराभाई को साल 1966 में पद्म भूषण और 1972 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
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