मोदी कैबिनेट ने NPR को दिखाई हरी झंडी, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को किया जाएगा अपडेट

मोदी कैबिनेट ने NPR को दिखाई हरी झंडी, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को किया जाएगा अपडेट
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नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बिल (एनआरसी) के बीच मंगलवार को मोदी कैबिनेट ने एनपीआर को अपडेट करने के लिए प्रस्ताव पास कर दिया है।

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बिल (एनआरसी) के बीच मंगलवार को मोदी कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने की मंजूरी दे दी है। इस बैठक में 2021 के जनगणना के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगा दी गई है।

ऐसे में इसका काम अभी से शुरू हो जाएगा, जो सितंबर 2020 तक अपनी रिपोर्ट दे देगा। कहा जाता है कि अगर आप किसी जगह पर 6 महीने से ज्यादा समय से रह रहे हैं तो आपको राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर अनिवार्य रूप से करवाना पड़ता है।

इतना ही नहीं कोई विदेशी भी अगर देश में 6 महीने से रह रहा है तो उसे भी एनपीआर करवाना पड़ता है। बता दें कि एनपीआर के तहत 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का घर घर जाकर डेटा तैयार करना होगा। हर 10 साल बाद देश में लोगों की जनगणना होती है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस कैबिनेट बैठक में एनपीआर को लेकर प्रस्ताव लाया जाएगा, जिसपर कैबिनेट अपनी मुहर लगाएगा। साफ तौर पर एनपीआर का संबंध सीधे तौर पर एक जगह पर कोई भी नागरिक रह रहा है तो उसे एनपीआर के दायरे में लाया जाता है। चाहे वो देशी हो या विदेशी।

बता दें कि इससे पहले एनपीआर अंतिम बार साल 2010 में आकंड़ों को जुटाया गया था, जिसकी रिपोर्ट जनगणना 2011 में पेश की गई थी। इससे पहले साल 2015 में इसे अपडेट किया गया था। इसके मुताबिक, देश की जनगणना की गिनती की जाती है कि आखिर देश में कितने लोग 10 साल में बढ़े हैं।

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