Modi Magic: इन वजहों से दोबारा प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी

जब से लोकसभा का चुनाव संपन्न हुआ है, सारी दुनिया में मोदी की ही चर्चा हो रही है। सारी दुनिया के मीडिया विशेषज्ञ यह कह रहे हैं कि मोदी इतना भारी बहुमत प्राप्त कर लेंगे किसी को अंदाजा नहीं था। परन्तु नरेन्द्र मोदी एक तरह से अपनी पार्टी की जीत के प्रति आश्वस्त थे।उन्हें दृढ़ विश्वास था कि इस बार भाजपा के 300 से अधिक प्रत्याशी जीतकर लोकसभा पहुंचेगे। विरोधी कह रहे थे कि चुनाव परिणाम आने पर मोदी को पद त्याग करना ही होगा।
विपक्षी नेताओं ने एक स्वर में कहना शुरू कर दिया था '23 मई - भाजपा गई'। परन्तु मोदी ने विपक्षी नेताओं की इन आलोचनाओं की अनदेखी कर दी और कहा कि ये चुनाव कोई भाजपा या उसके सहयोगी दलों का चुनाव नहीं है। इस चुनाव को जनता लड़ रही है और जब परिणाम आएंगे तो निश्चित रूप से जनता की जीत होगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बहुत अभद्र तरीके से मोदी के खिलाफ प्रचार किया था। हर सभा में वे यही कहते थे कि चोकीदार चोर है। आम जनता को राहुल गांधी की ये बातें पसंद नहीं थी। उन्हें बहुत समझाया गया। परन्तु उन्होंने नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अपशब्द कहने बन्द नहीं किए।
फिर जनता ने राहुल और कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाने का फैसला कर लिया। वर्षों से अमेठी गांधी परिवार का गढ़ रहा है। वहां राहुल गांधी स्मृति ईरानी से मार खा जाएंगे। स्मृति ईरानी तो चुनाव जीत गई, लेकिन उनके कुछ राजनीतिक विरोिधयों ने उनके मुख्य सलाहकार को रात के अंधेरे में गोलियों से भून डाला। जब तक लोग उनको अस्पताल ले जाते उससे पहले ही उनकी मृत्यु हो गई।
पीछे मुड़कर देखने से लगता है कि नरेंद्र मोदी ने अनेक ऐसे काम किए जिससे आम जनता में उनकी वाहवाही होने लगी। जब पहली बार लाल किले से उन्होंने राष्ट्र को संबोधित किया तो कहा कि वे अनेक कल्याणकारी योजनाएं पूरे देश में शुरू करेंगे।
जिससे आम जनता में यह विश्वास पैदा हो कि मोदी सरकार जनता कल्याण के प्रति कृतसंकल्प है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि गांव देहात में माताओं और बहनों की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ी संख्या में शौचालय बनाए जाएंगे।
शौचालयों की जरूरत मां-बहनों को कितनी अधिक है यह वहीं बता सकते हैं जिन्होंने लोकसभा का आम चुनाव कभी न कभी लड़ा हो। दिन भर छटपटाती हुई मां-बहने रात के अंधेरे में सड़क के किनारे शौच करने जाती हंै। अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं देता है।
पिछले अनेक वर्षों से देहात में शौच करते हुए सैंकड़ों महिलाएं सर्पदंश की शिकार होती रही हैं। अब भविष्य में ऐसा नहीं होगा और जहां-जहां गांव देहात में घरों में शौेचालय बने हैं, वहां आम जनता में तो उत्साह है ही, महिलाओं में बहुत ज्यादा उत्साह है।
अभी हाल में संसद के केन्द्रीय कक्ष में जब मोदी अपने संघर्ष की कहानी बताने लगे तब उन्होंने कहा कि वे एक अत्यन्त ही गरीब परिवार से हैं और उनके पिता रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे, वह उनकी चाय बेचने में मदद करते थे। उनकी मां पड़ोसियों के झूठे बर्तन साफ किया करती थी।
वह अधजली लकड़ियों से अपने परिवार के लोगों के लिए खाना बनाती थी। उन लकडङियों से इतना धुंआ निकलता था कि जब उनकी मां रोटी परोसने आती थी तब वह उनका मंुह भी नहीं देख पाती थी।
इसीलिये जब वे प्रधानमंत्री बने तभी उन्होंने फैसला कर लिया था कि गृहणियों को धुंए से मुक्ति मिलनी चाहिये और बड़े पैमाने पर उज्जवला योजना के तहत गरीबों को मुफ्त गैस कनैक्शन दिए गए। मुफ्त में गैस पाकर गृहणियां बहुत खुश हुई और उन्होंने हृदय से मोदी को धन्यवाद दिया।
गांव देहात में मिट्टी से बने घर बरसात में ढह जाते थे। मोदी सरकार ने गरीबों को पक्के मकान बनवाकर दिए। ग्रामिणों को बीमारी के इलाज के लिए कर्ज लेना पड़ता जिसे चुकता करने में उनकी सारी संपत्ति लुट जाती थी। नरेंद्र मोदी ने यह प्रावधान कर दिया हर गरीब का पांच लाख तक का इलाज मुफ्त होगा।
इन योजनाओं के कारण नरेंद्रर मोदी आम जनता में अत्यन्त ही लोकप्रिय हो गये। सर्वे करने वाले पत्रकार इस करन्ट को भंाप नहीं पाए। मोदी ने जनकल्याण के लिए अनेक कदम उठाए और संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद उन्होंने नारा दिया 'सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास।'
मीडिया ने खासकर, क्षेत्रीय समाचारपत्रों ने नरेंद्र मोदी की भावी योजनाओं की भूरि भूरि प्रशंसा की और यह बात आम जनता के मन में बैठ गई है कि नरेंद्र मोदी जो कहते हैं, वह करते भी हैं। यह देश का सौभाग्य है कि नरेन्द्र मोदी को अमित शाह जैसे मित्र और सलाहकार मिले हैं।
जिन्होंने पूरी लगन से एक-एक बूथ की विस्तृत जानकारी ली और अपने कार्यकर्ताओं को यह आगाह कर दिया कि चुनाव की तैयारी में कोई ढील नहीं होनी चाहिए। मोदी और शाह की जोड़ी ने सही अर्थ में देश में स्वर्णिम युग ला दिया है। नरेंद्र मोदी ने पिछले कई वर्षों में महंगाई पर नियंत्रण करने का प्रयास किया है।
वक्त का तकाजा है कि देश में बढ़ती हुई बेरोजगारी को काबू में किया जाए। इस दिशा में आम जनता नरेन्द्र मोदी से बहुत उम्मीद लगाए बैठी हैं। इधर नरेन्द्र मोदी के कई भाषणों में यह जानकर लोग आश्चर्य चकित रह गए कि नरेन्द्र मोदी ने पिछले 20 वर्षों में कोई छुट्टी नहीं ली हैै और वे देश और समाज के लिए लगातार कार्य करते आ रहे हैेैं।
एक पत्रकार के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि गत 35 वर्षों में वे भिक्षा मांगकर खाते रहे। जब भी किसी व्यक्ति के दरवाजे पर वे भिक्षा मांगने जाते थे तो गृहणियां खुशी-खुशी बाहर आकर उन्हें पका पकाया खाना भिक्षा में दे देती थी। एक बात तो सही है कि पिछले पांच वर्षों में देश में कोई घोटाला नहीं हुआ इसीलिए आम जनता नरेंद्र मोदी की दूसरी पारी की सफलता की कामना करती है।
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