IIT-BHU में गन प्वाइंट पर उतारे छात्रा के कपड़े, खींची अश्लील फोटो, छेड़छाड़ पर बवाल शुरू

IIT-BHU में गन प्वाइंट पर उतारे छात्रा के कपड़े, खींची अश्लील फोटो, छेड़छाड़ पर बवाल शुरू
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IIT-BHU Case: आईआईटी बीएचयू में छात्रा से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। बाइक सवार तीन युवकों ने गनप्वाइंट पर छात्रा के कपड़े उतरवाए और अश्लील फोटो भी खीचीं। इस घटना के बाद हजारों छात्र विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट...

IIT-BHU Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (BHU) में गुरुवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ, जब एक छात्रा ने आरोप लगाया कि परिसर में तीन अज्ञात लोगों ने उसके साथ छेड़छाड़ की, जिन्होंने उसे जबरन किस किया, उसके कपड़े उतार दिए और फिर उसका वीडियो रिकॉर्ड किया। वारदात के समय छात्रा का एक दोस्त भी उसके साथ टहल रहा था। छात्रा के दोस्त के साथ भी मारपीट की गई।

छात्रा ने पुलिस को दी शिकायत

पुलिस को दी अपनी शिकायत में छात्रा ने कहा कि मैं आईआईटी-बीएचयू के एक हॉस्टल में रहती हूं। 2 नवंबर की रात करीब 1.30 बजे मैं अपने हॉस्टल से टहलने के लिए निकली। मेरी मुलाकात एक दोस्त से हुई। हम साथ-साथ चल रहे थे, पीछे से एक बाइक पर तीन लोग हमारे पास आए। उन्होंने अपनी बाइक खड़ी की और मुझे व मेरे दोस्त को अलग कर दिया। उन्होंने मेरा मुंह कसकर बंद कर दिया और किस किया। मेरे सारे कपड़े उतार दिए और तस्वीरें व वीडियो रिकॉर्ड कर लिए। जब मैं मदद के लिए चिल्लाई तो उन्होंने मुझे जान से मारने की धमकी दी। 10-15 मिनट बाद उन्होंने मुझे जाने दिया। इसके बाद मैं एक प्रोफेसर के आवास पर छिप गई।

कई धाराओं में केस दर्ज

पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354-बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का उपयोग) और 506 (आपराधिक धमकी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत पुलिस मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। साथ ही, कई टीमें मामले पर काम कर रही हैं और हम जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि कम से कम 2,000 छात्र गुरुवार सुबह से संस्थान में विरोध प्रदर्शन में बैठे थे। छात्र बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की मांग कर रहे हैं और एक ऐसी प्रणाली चाहते हैं जहां कोई भी संस्थान के पहचान पत्र के बिना परिसर में प्रवेश नहीं कर सके। संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ बातचीत कर रहे हैं और हम उनकी मांगों पर विचार कर रहे हैं।

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