Mother Day 2020 : कोरोना संक्रमित महिला ने आइसोलेशन वार्ड में निभाई मां यशोदा की भूमिका, बच्चे को दिया नया जीवन

Mother Day 2020 : कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज के लिए छह दिन पहले एम्स पहुंचे पांच साल के मासूम को देखकर पड़ोसी महिला की ममता जाग उठी और अपने इलाज के साथ वह बच्चे की तीमारदारी कर मां का फर्ज भी निभाती रही। मां के दुलार से बच्चा स्वस्थ हो गया और शनिवार को यशोदा बनी मां के साथ स्वस्थ होकर एम्स से डिस्चार्ज हो गया।
कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज के लिए एम्स चर्चा का केंद्र बना हुआ है और वहां के आईसोलेशन वार्ड में उपचार कराने वाले मरीज और चिकित्सकीय स्टाफ कई बार सुर्खियों की वजह बन जाते हैं। वर्तमान में कवर्धा से इलाज के लिए छह लोगों में से एक महिला और पांच साल का बच्चा वर्तमान में चिकित्सकीय स्टाफ के बीच सुर्खियों की वजह बना रहा।
पांच साल का बच्चा कोरोना पाजिटिव निकला, लेकिन उसके माता-पिता निगेटिव थे। वहीं एक महिला कोरोना पाजिटिव पाई गई, लेकिन उसका पति और दो साल का बच्चा निगेटिव था। पाजिटिव आने वाले आईसोलेशन वार्ड के भीतर चले गए और निगेटिव आने वाले बाहर रह गए। चिकित्सकों के मुताबिक इलाज के दौरान पांच साल का मासूम दहशत में और शुरुआती दिनों में अपनी मां को याद कर रोता था।
नर्सिंग स्टाफ ने उसे बहलाने और पुचकारने की बहुत कोेशिश की, लेकिन वह नहीं माना। बच्चे के साथ वार्ड में जो महिला थी, वह बच्चे की पड़ोसी थी। उसने बच्चे को संभाला और जल्दी ही वह माता-पिता से अलग होने का दुख भूल गया। इसके बाद बच्चे का इलाज बेहतर तरीके से प्रारंभ हो पाया।
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक महिला बच्चे का ख्याल ठीक उसी तरह रख रही थी, जिस तरह देवकी की अनुपस्थिति में भगवान कृष्ण का ख्याल यशोदा ने रखा था। मां-बेटे का यह प्रेम रंग लाया और शनिवार को स्वस्थ होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
खेल-खेल में संक्रमण
एम्स में आने वाले अब तक के मरीजों में पहली बार पांच साल का बच्चा संक्रमित होकर इलाज के लिए पहुंचा था। परिवार में किसी के संक्रमित नहीं होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अफसर यही मान रहे हैं कि आसपास खेलने जाने के दौरान ही बच्चा कोविड-19 के संक्रमण का शिकार हुआ था। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक इलाज के दौरान उसकी तबीयत में तेजी से सुधार हो रहा है और लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
27 से ज्यादा की टीम
एम्स में बनाए गए आईसोलेशन वार्ड में स्टाफ की ड्यूटी तीन शिफ्ट में लगाई जाती है, यानी प्रत्येक फ्लोर 27 के हिसाब से चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ तथा अन्य कर्मचारी तैनात रहकर अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे हैं। कोविड-19 की रोकथाम के लिए डा. आजाॅय बेहरा तथा आईसोलेशन वार्ड की जिम्मेदारी डा. अतुल जिंदल संभाल रहे हैं। कोविड-19 के इलाज के तरीके को जानने के लिए रायपुर, रायगढ़, जगदलपुर सहित अन्य मेडिकल कालेज के डाक्टर तथा अन्य स्टाफ अपनी सेवा दे रहे हैं।
हालत में सुधार
एम्स में इलाज करा रहे पांच साल के बच्चे की हालत में तेजी सुधार हुआ। वहीं महिला भी स्वस्थ हो गई। उन्हें तीन अन्य लोगों के साथ डिस्चार्ज कर दिया गया है।
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