पीएम मोदी को मां हीराबेन ने 100वें जन्मदिन पर दिया था आखिरी बार जीवन का मूलमंत्र, जिंदगी कैसी होनी चाहिए

पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी का गुजरात के गांधीनगर के एक श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार हो गया है। देश-दुनिया से पीएम मोदी की मां के निधन पर शोक आ रहे हैं। पीएम की मां का 100 साल की उम्र में निधन हुआ और अपने 100वें जन्मदिन के मौके पर मां ने अपने बेटे को आखिरी बार जीवन का मूलमंत्र भी दिया। पीएम मां के जन्मदिन पर घर आए थे और जन्मदिन मनाया था।
जब मां हीराबेन ने बेटे को दिया जीवन का आखिरी मूलमंत्र
पीएम नरेंद्र मोदी ने मां के निधन की खबर देने के साथ ही ट्वीट भी किया। इस ट्वीट में ही पीएम ने मां की बताई सलाह को साझा भी किया। पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम... मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है। जिसमें एक तपस्वी की यात्रा। निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है। मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला, तो उन्होंने एक बात कही थी। जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।
इस आखिर संदेश में सब कुछ छिपा हुआ है उनके कहने का मतलब था कि अपनी जिंदगी में हमेशा समझदारी से काम करना बेटा और पवित्रता से जिंदगी को जियो। वैसे को कई मौकों पर हमेशा ही नरेंद्र मोदी का मां ने मार्गदर्शन दिखाया होगा। लेकिन जीवन के अंतिम दिनों में कही गई बातों को कभी को नहीं भूल पाता है। यहीं हीराबेन और नरेंद्र मोदी दोनों के बीच मां-बेटे का अविस्मरणीय प्यार है।
वैसे तो पीएम मोदी की जिंदगी से जुड़े कई दिलचस्प किस्से हैं। लेकिन सबसे ज्यादा दिलचस्प किस्सा वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का है। चाय बेचने का मामला आज पूरे देश में लोगों के सामने है। साथ ही प्राचीन शर्मिष्ठा सरोवर की बात करें, तो बचपन में लोग अपने मित्रों के साथ इस सरोवर में स्नान करने जाया करते थे। सरोवर का किस्ता भी पीएम मोदी ने सुनाया था। बचपन से ही नरेंद्र मोदी साहसी थे। स्थानीय लोगों का कहना था कि राष्ट्रीय सेवा और समाज सेवा बचपन से ही उनके स्वभाव में रही। क्योंकि वे स्कूल में भी मॉनिटर बिना किसी लड़ाई झगड़े के ही बन जाया करते थे।
जानकारी के लिए बता दें कि बुधवार तड़के सुबह साढ़े 3 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का निधन हो गया। दो दिन पहले ही तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। अहमदाबाद के यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में उनका इलाज चल रहा था। सांस लेने में दिक्कत के चलते परिवार ने यहां भर्ती कराया था।
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