Haribhoomi-Inh Exclusive: 'E-सार्थक संवाद' में मिलिए सांसद अनिल जैन से, प्रधान संपादक डॉ हिमांशु द्विवेदी ने की बातचीत

Haribhoomi-Inh Exclusive : हरिभूमि-आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने ई-सार्थक संवाद की शुरुआत में कहा नमस्कार आप सभी का स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम सार्थक संवाद में। सार्थक संवाद के तहत आज हमारे साथ भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज राजनेता सांसद डॉक्टर अनिल जैन साथ में हैं। डॉ अनिल जैन मूलतः उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। उस उत्तर प्रदेश से जो देश का आबादी की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश में इस वक्त विधानसभा चुनाव में चल रहे हैं।
विधानसभा चुनाव 2022 से पहले इसके परिणामों के अनुमान लगाते हैं कि 2024 में जब लोकसभा चुनाव होंगे, तो नतीजा देश के संदर्भ में किधर कैसे और कहां जाएंगे। इसलिए उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 बहुत महत्वपूर्ण है। डॉ अनिल जैन इस वक्त उत्तर प्रदेश में जुटे हुए हैं। अपनी पार्टी की सरकार वापस बनाए रखने के लिए। समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर देश के सबसे बड़े राज्य के संदर्भ में भाजपा की सद्भावना कैसी है। क्या कारण है कि जिसकी वजह से भाजपा जहां पिछली बार तकरीबन 325 सीटों से जीती थी। वहां पर इस बार बहुमत पाने के लिए भी बहुत संघर्ष करती हुई नजर आ रही है।
जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर क्या कारण है कि अपने प्रतिद्वंदी राजनीतिक दलों की वजह से भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता इतने कठोर हो रहे हैं। जानने की दिलचस्पी इस बात में भी है कि आखिर कांग्रेस एक बार पुनः उत्तर प्रदेश के माध्यम से पूर्ण जीवित होने की कोशिश कर रही है और कितनी सफल होगी। ऐसे तमाम मुद्दे हैं जिन पर हम इस कार्यक्रम में डॉक्टर से बातचीत करने वाले हैं। लेकिन इस बातचीत के संदर्भ में शुरू...उससे पहले एक निगाह डॉ. अनिल जैन के राजनीतिक करियर को लेकर....
प्रधान संपादक ने सबसे पहले शुरुआत में डॉ अनिल जैन से सवाल किया कि 403 विधानसभा वाले उत्तर प्रदेश में 325 सीटों का विशाल बहुमत 2017 में आपने पाया। लेकिन इस बार मामला कुछ फंसा फंसा सा लग रहा है... क्या वाकई में ऐसा कुछ हो रहा है जिसकी वजह से पूरा मामला फंसा फंसा लग रहा है या भ्रम है। इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ. अनिल जैन ने कहा कि मामला फंसा हुआ नहीं है और मैं उत्तर प्रदेश के यादव लैंड में भी घुमा। मैं वहां था और मैंने वहां देखा कि यादव लैंड में भी कमल पहले से ज्यादा चलने वाला है। यह मैंने उस चरण में देखा है यह मुझे एहसास हुआ इसलिए इस बार कोई फंसा फंसा असर नजर मतलब ही नहीं बनता है। इस बातचीत को पूरा देखने के लिए आप नीचे वीडियो पर क्लिक करके डॉ अनिल जैन जी का संवाद देख सकते हैं...
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