जेल में बंद सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी, महाराष्ट्र सरकार से ओम बिरला ने मांगा जवाब

हनुमान चालीसा पाठ (Hanuman Chalida) को लेकर विवादों में आईं अमरावती सांसद नवनीत राणा (MP Navneet Rana) ने सोमवार को संसद के नाम चिट्ठी लिखी। ये चिट्ठी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha speaker Om Birla) लिखते हुए थाने में हुए अत्याचार के आरोप पर है। इस मामले पर महाराष्ट्र सरकार से 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है। साथ ही नवनीत ने चिट्ठी के जरिए शिवसेना पर भी निशाना साधा।
लोकसभा सांसद सांसद नवनीत राणा ने चिट्ठी में लिखा कि मेरा मानना है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना अपने हिंदुत्व सिद्धांतों से पूरी तरह भटक चुकी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी के साथ चुनाव के बाद गठबंधन किया है और अब ऐसा करना मजबूरी है। चिट्ठी में कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने लिखा है कि मुझे 23 अप्रैल को खार थाने लाया गया। जहां मैंने पूरी रात थाने में बिताई। मैंने पीने के लिए पानी मांगा। लेकिन मुझे रात भर पानी नहीं दिया गया। पानी मांगने पर मुझे मेरी जाति के लिए गाली दी गई। मैं अनुसूचित जाति से हूं। इसलिए पीने के पानी जैसे मौलिक अधिकार से भी वंचित कर दिया गया था।
उन्होंने साफ कहा कि मैंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए आमंत्रित किया था। मेरा यह कार्यक्रम सीएम के खिलाफ नहीं था। लेकिन मुंबई में कानून-व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमने सीएम के बंगले के बाहर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने का फैसला वापस किया। लेकिन फिर भी मैं और मेरे पति घर में ही कैद थे। जबकि हमारा इरादा किसी तरह का तनाव पैदा करने का नहीं था। हमें माहौल को देखते हुए फैसला वापस भी लिया। अब लोकसभा स्पीकर ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
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