सरकार से मिली Z+ सिक्योरिटी का पैसा खुद देते हैं मुकेश अंबानी, सुप्रीम कोर्ट ने अंबानी परिवार की सुरक्षा को लेकर कहीं ये बड़ी बात

नई दिल्ली | रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Reliance Industry Chairman Mukesh Ambani) और देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani Security) और उनके परिवार (Ambani Family Security) को मिलने वाली सिक्योरिटी (Security) इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। मुकेश अंबानी को भारत सरकार की ओर से 2013 से Z+ सिक्योरिटी (Mukesh Ambani z+ security) दी जाती है। हांलाकि, उनकी सिक्योरिटी पर जितना भी खर्चा होता है, उसका भुगतान वे स्वंय करते हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि देश-दुनिया के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक मुकेश अंबानी की सुरक्षा बरकरार रहेगी।
देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में आदेश देते हुए कहा कि मुकेश अंबानी और उनके परिवार को दी जा रही सुरक्षा जारी रखी जाए। देश के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी को जेड+ सुरक्षा प्रदान की गई है। लेकिन विकास साहा नाम के एक शख्स ने त्रिपुरा हाईकोर्ट में अंबानी की जेड+ सिक्योरिटी के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की बेंच ने इस जनहित याचिका को हाल ही में खारिज करते हुए केंद्र को सुरक्षा जारी रखने का आदेश दिया है।
अंबानी परिवार की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को खतरा है या नही यह केवल सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट से ही तय हो सकता है। बेंच ने कहा कि ने अंबानी देश के एक प्रमुख उद्योगपति है और उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इस पर अविश्वास का कोई कारण नजर नही आता। व्यक्ति अगर अपनी सुरक्षा का खर्च उठाने को तैयार है तो उसे सुरक्षा मिलनी ही चाहिए। कोर्ट ने अपने फैसले में हाल ही में अंबानी के घर के बाहर रखे गए बम और उन्हें मिल रही धमकियों का भी जिक्र किया।
मुकेश अंबानी के सुरक्षा में हर महीने खर्च होते हैं 20 लाख रुपये
मुकेश अंबानी देश के उन चुनिंदा लोगों में से हैं जिन्हें जेड+ सुरक्षा मिली हुई है। एक अनुमान के अनुसार, अंबानी की जेड+ सुरक्षा पर प्रतिमाह 15 से 20 लाख का खर्च आता है। उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा में सीआरपीएफ के 55 से अधिक कमांडो 24 घंटे तैनात रहते हैं। मुकेश अंबानी इस जेड+ सुरक्षा पूरा खर्च स्वंय उठाते हैं जबकि अधिकांश मामलों में यह खर्च सरकार को उठाना पड़ता है। अंबानी को जेड+ सुरक्षा 2013 में आंतकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से मिली धमकियों के बाद यूपीए सरकार ने मुहैया कराई थी।
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