महाराष्ट्र CMO का बड़ा दावा- पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह का अनाधिकारिक मेल आईडी और बिना हस्ताक्षर के मिला पत्र, जानें पूरा मामला

महाराष्ट्र CMO का बड़ा दावा- पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह का अनाधिकारिक मेल आईडी और बिना हस्ताक्षर के मिला पत्र, जानें पूरा मामला
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र भेजा गया। उस पर में राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के पत्र को लेकर महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान जारी किया है। महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय का कहना है कि उनका पत्र अलग ईमेल आईडी के जरिए प्राप्त हुआ है न कि उनके आधिकारिक ईमेल आईडी से। साख बात यह है कि इस पत्र पर पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के सिग्नेचर भी नहीं हैं। कार्यालय ने कहा है कि ईमेल आईडी की जांच करना बेहद जरूरी है। गृह मंत्रालय उसी के लिए पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह से संपर्क करने का प्रयास कर रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र भेजा गया। उस पर में राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जानकारी के अनुसार, पत्र में लिखा गया है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख सचिन वाजे को 30 दिनों में 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहते थे।

40-50 करोड़ रुपये हर महीने जुटाए जा सकते हैं

वाजे से कहा गया है उनका टारगेट 30 दिन यानी एक महीने में 100 करोड़ रुपये जमा करने का है। इस टारगेट को अचीव करने के लिए गृहमंत्री ने उन्हें बताया कि मुंबई में करीब 1750 बार, रेस्तरां हैं। हर बार, रेस्तरां से 2-3 लाख रुपये की राशि वसूली की जाती है, तो 40-50 करोड़ रुपये हर महीने जुटाए जा सकते हैं। वाकी पैसा अन्य सोर्स से वसूला जा सकता है।

पत्र में यह भी लगा गया है कि पूर्व पुलिस कमिश्नर ने राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात के दौरान इस घटना से अवगत भी कराया था। खबरों की मानें तो पत्र में यह भी लिखा है, एंटीलिया की घटना के मद्देनजर ब्रीफिंग के दौरान जब मुझे (पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह) आपको मामले की जानकारी देने के लिए बुलाया गया था तब मैंने गृह मंत्री द्वारा कई गलत कामों की ओर इशारा किया था।

अनिल देशमुख दायर करेंगे मानहानि का मुकदमा

इशारों में ही मैंने डिप्टी सीएम, शरद पवार और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों को भी बताया था। पत्र में उन्होंने यह भी आरोप लगाते हुए कहा कि सचिन वाजे को राज्य गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बीते महीनों में कई बार अपने सरकारी आवास बुलाया था और उन्हें बार-बार वसूली में मदद करने का आदेश दिया था। हालांकि, गृहमंत्री ने परमबीर सिंह के द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को इनकार कर दिया है।

अनिल देशमुख ने कहा है कि पूर्व कमिश्नर, मुकेश अंबानी और मनसुख हिरेन के मामले में खुद को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। यदि परमबीर सिंह आरोपों को साबित नहीं कर पाते हैं तो वह उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।

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