Murli Manohar Joshi Birthday : कभी 13 दिन के लिए देश के गृहमंत्री बने थे जोशी, ऐसा रहा राजनीतिक सफर

Murli Manohar Joshi Birthday : कभी 13 दिन के लिए देश के गृहमंत्री बने थे जोशी, ऐसा रहा राजनीतिक सफर
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मुरली मनोहर जोशी का राजधानी दिल्ली में 5 जनवरी 1934 को जन्म हुआ था। आज 86वां जन्मदिन मनाया जा रहा है। मुरली मनोहर जोशी ने शुरुआती शिक्षा उत्तराखंड के अल्मोड़ा से ली थी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी का आज 86वां जन्मदिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा विभिन्न नेताओं ने मुरली मनोहर जोशी को जन्मदिन की बधाई दी है। मनोहर लाल जोशी ने राजनीति, संसद और एक मंत्री के रूप में लंबे कार्यकाल के दौरान उल्लेखनीय योगदान किया है। जोशी 13 दिन के लिए देश के गृह मंत्री भी रहे हैं। चलिए जानतें हैं जोशी के राजनीतिक सफर के बारे में...

मुरली मनोहर जोशी का प्रारंभिक जीवन (Early life of Murli Manohar Joshi)

दिल्ली में 5 जनवरी 1934 को जन्में मुरली मनोहर जोशी का आज 86वां जन्मदिन है। मुरली मनोहर जोशी ने शुरुआती शिक्षा उत्तराखंड के अल्मोड़ा से प्राप्त की। जोशी ने ग्रेजुएशन की डिग्री मेरठ से हासिल की। पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए जोशी इलाहाबाद चले गए। यहां इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जोशी ने एमएससी (भौतिक) की डिग्री हासिल की। यूनिवर्सिटी में अधय्यन के दौरान जोशी ने डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की।

जोशी ने रिसर्च के लिए स्पेक्ट्रोस्कोपी विषय का चयन किया था। स्पेक्ट्रोस्कोपी विषय उन्होंने रिसर्च हिंदी में किया था। इसी के साथ जोशी रिसर्च पत्र को हिंदी में पेश करने वाले पहले छात्र बन गए। वर्ष 1958 में जोशी ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से डी. फिल. की उपाधि भी हासिल की। इसके बाद जोशी यूनिवर्सिटी में में लेक्चरर बनकर टीचर के क्षेत्र में उतरे। कॉलेज के दिनों से जोशी राजनीति में सक्रिय रहे।

वे वर्ष 1944 में (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) आरएसएस सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में परिचित हैं। जोशी 1949 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे है। मनोहर लाल जोशी ने वर्ष 1957 में भारतीय जनसंघ की सदस्यता ग्रहण की। ऐसा बताया जाता है कि 30 जनवरी 1948 राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या हो जाने के बाद सरकार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था।

जोशी इंदिरा सरकार के दौरान लगाई गई इमरजेंसी के वक्त 26 जून 1975 से 1977 तक 'मीसा' के तहत बंदी रहे। वर्ष 1977 में जनसंघ का जनता पार्टी में विलय से पहले प्रदेश सचिव और उपाध्यक्ष रहे।

मुरली मनोहर जोशी राजनीतिक जीवन (Murli Manohar Joshi Political Journey)

मुरली मनोहर जोशी का ध्यान युवा अवस्था से ही राजनीति की तरफ रहा है। जोशी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अपने प्राध्यापक प्रोफेसर राजेंद्र सिंह उर्फ़ रज्जू भैया के मार्गदर्शन में आए। इसकेब बाद वे आरएसएस से जुड़े गए और गौ रक्षा संबंधी आंदोलनों में हिस्सा लिया।

13 दिन के गृहमंत्री बने जोशी

वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना हुई। तब जोशी ने पार्टी को पूरा सहयोग किया। बाद में उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बना दिया गया। 1996 में देश में भाजपा की सरकार बनी थी। जो केवल 13 दिनों तक ही चल पाई। उस समय 13 दिन तक मुरली मनोहर जोशी ने देश के गृहमंत्री की जिम्मेदारी संभाली। यानी वह केवल 13 दिनों के लिए देश के गृहमंत्री बने।

खबरों के मुताबिक जब भारतीय जनता पार्टी ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की स्थापना की थी। तब मनोहर लाल जोशी जी ने मंत्रिमंडल में मानव संसाधन विकास मंत्री के पद की जिम्मेदारी संभाली। जोशी ने कानपुर, बनारस और इलाहाबाद में चुनाव में जीत हासिल की। लेकिन साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में वह जीत हालिस करने में विफल रहे।

नरेंद्र मोदी के लिए बनारस सीट छोड़ी

साल 2014 में हुए लोकसभा के चुनाव में जोशी ने बनारस लोकसभा सीट से जीत हासिल की। लेकिन नरेंद्र मोदी के लिए उन्हें इस सीट को छोड़ा पड़ा। इसके बाद वे कानपुर से फिर चुनाव लड़े और जीत हासिल की। जोशी ने विदेशी घुसपैठियों और आईएसआई के खिलाफ अनेक बार मोर्चा संभाला। बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए जोशी ने 1992 में कन्याकुमारी से कश्मीर तक एकता यात्रा की और आतंकवाद के गहरे साए में 15 अगस्त को श्रीनगर (कश्मीर) के लाल चौक में तिरंगा फहराया।

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