रोजे रख रहे मुसलमान कैदी, सहरी-इफ्तार का भोजन बना रहे हिंदू कैदी

रोजे रख रहे मुसलमान कैदी, सहरी-इफ्तार का भोजन बना रहे हिंदू कैदी
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देश-दुनिया में जहां कोरोना संक्रमण काल चल रहा हे वहीं मप्र की राजधानी भोपाल की सेंट्रल जेल में इन दिनों 500 मुस्लिम कैदी रमजान में रोजे रख रहे हैं। इनके लिए रोजाना सुबह की सहरी व शाम के अफ्तार का भोजन 150 हिंदू कैदी तैयार कर रहे हैं।

देश-दुनिया में जहां कोरोना संक्रमण काल चल रहा हे वहीं मप्र की राजधानी भोपाल की सेंट्रल जेल में इन दिनों 500 मुस्लिम कैदी रमजान में रोजे रख रहे हैं। इनके लिए रोजाना सुबह की सहरी व शाम के अफ्तार का भोजन 150 हिंदू कैदी तैयार कर रहे हैं। ये हिंदू कैदी 500 मुस्लिम कैदियों के लिए सुबह सहरी बनाने की खातिर रात में तीन बजे ही जाग जाते हैं। फिर जेल में काम शुरु होता है।

तब सुबह सहरी के समय तक सब सामान तैयार कर दिया जाता है। यही शाम को अफ्तार के लिए किया जा रहा है। सहरी व अफ्तार में जो प्रचलित खाना है, वह तैयार किया जा रहा है। यहां बता दें कि सेंट्र्रल जेल भोपाल में सिमी संगठन के 29 कैदी भी रोजे पर हैं।

मुस्लिम कैदियों के लिए जेल प्रबंधन ने कराई व्यवस्था :

लॉकडाउन से पहले जेल प्रबंधन के अलावा बाहरी संस्थाओं से अफ्तारी और खाने की व्यवस्था हो जाती थी, लेकिन लॉकडाउन के बीच भी जेल प्रबंधन ने इन मुस्लिम कैदियों का पूरा ख्याल रखा। इन मुस्लिम कैदियों के लिए सहरी में चाय और रोटी दी जाती है। शाम को अफ्तारी में इन्हें तरबूज, मौसमी फल, खजूर और दूध दिए जा रहे हैं। मुस्लिम कैदियों को खाने में दाल चावल, सब्जी और रोटी दी जा रही है। यहां बता दें कि खाना बनाने और नमाज पढ़ने के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है।

नमाज की व्यवस्था कराई :

यहां बता दें कि जेल में सिमी कैदियों को छोड़कर सोशल डिस्टेंस के तहत सभी मुस्लिम कैदी नमाज अदा करते हैं। रोजे के दौरान मुस्लिम कैदियों को किसी तरीके की दिक्कत न हो, इसको लेकर पूरी व्यवस्था जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने कराई है।

यह भी हो रहा जेल में :

- जेल के अंदर निरीक्षण के दौरान मुस्लिम कैदियों से बातचीत की जाती है।

- उन्हें समय पर सभी सामान उपलब्ध करा दिया जाता है।

- जेल मैन्युअल के हिसाब से सभी कैदियों को खाना दिया जाता है।

- रोजा रखने वाले कैदियों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

29 सिमी कैदियों ने रखा रोजा :

सेंट्रल जेल में 29 सिमी कैदियों ने भी रोजा रखा है। जेल अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा के मद्देनजर सिमी कैदियों को बैरक में ही सभी सुविधा मुहैया करा दी जाती है। उन्हें बाकी के मुस्लिम कैदियों की तरह ही सभी सुविधा दी जा रही है।

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