UCC पर मोदी सरकार के समर्थन का ऐलान, जानें कौन हैं पसमांदा मुस्लिम समाज के प्रमुख Atif Rasheed

Uniform Civil Code: पूरे देश में जहां एक तरफ मुस्लिम समुदाय समान नागरिक संहिता का विरोध कर रहा है, वहीं दूसरी ओर मुसलमानों का एक समूह इसका समर्थन भी कर रहा है। यूसीसी को लेकर तमाम संस्थाओं, संगठनों और राजनीतिक दलों द्वारा तरह-तरह की बातें की जा रही हैं। इस बीच राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा समाज (Nationalist Muslim Pasmanda Samaj) के अध्यक्ष आतिफ रशीद (Atif Rasheed) ने यूसीसी का समर्थन करते हुए कहा है कि देश संविधान से चलेगा और हमारा समाज यूसीसी का समर्थन करता है।
बता दें कि आतिफ रशीद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (National Commission for Minorities) के उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं। वर्तमान में आतिफ भाजपा का सदस्य होने के साथ- साथ राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। आतिफ रशीद दिल्ली भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा (Delhi BJP Minority Front) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। हाल ही में जब पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जब अमेरिकी कांग्रेस का संबोधन किया था, तो दो महिला सांसदों ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद आतिफ रशीद ने उनदोनों सांसदों को आईना दिखाते हुए कहा था- “आपदोनों हमारे भारत की गलत छवि पेश कर रही हैं, जबकि मैं स्वयं अल्पसंख्यक समाज से आता हूं। हमें भारत में बराबरी का अधिकार है।''
2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Election) के दौरान जब राज्य में हिंसा भड़की, तो कई लोगों की जानें चली गई। इस हिंसा के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 7 सदस्यों ने राज्य का दौरा किया था, जिसमें आतिफ रशीद भी शामिल थे। उस वक्त उन्होंने आरोप लगाया था कोलकाता के जादवपुर इलाके में उनके ऊपर हमला किया गया था। तब उन्होंने राज्य की ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार और बंगाल पुलिस की जमकर आलोचना की थी।
आतिफ रशीद बीजेपी के प्रमुख मुस्लिम चेहरों में शुमार हैं और कई मंचों पर खुलकर सरकार का पक्ष रखते हैं। अब समान नागरिक संहिता को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से मुस्लिम समाज के बीच में सरकार का पक्ष रख रहे हैं। यूसीसी को लेकर उन्होंने कहा है कि जिस तरह 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया गया, उसी तरह यूसीसी को लेकर भी अफवाह फैलाने की कोशिशें की जा सकती हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं होने देंगे।
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क्या है समान नागरिक संहिता
समान नागरिक संहिता में सभी धर्म के लोगों के लिए एक कानून की व्यवस्था होगी। हर धर्म का अपना पर्सनल लॉ (Personal law) है, जिसमें शादी, तलाक, बच्चा गोद लेने और संपत्ति के उत्तराधिकार संबंधी अपने-अपने नियम हैं। यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने से सभी धर्मों में रहने वालों लोगों के मामले सिविल नियमों से ही निपटाए जाएंगे।
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