नासा ने फिर किया दावा, चांद के साउथ पोल के सबसे बड़े गड्ढों में पानी, जानें ISRO के चंद्रयान-1 ने कब खोजा था ये रहस्य

अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने चांद को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। एजेंसी ने दावा करते हुए कहा है कि चांद के साउथ पोल के सबसे बड़े गड्ढों में पानी मिला है। जबकि इसका पता इसरो के चंद्रयान-1 ने साल 2009 में खोज निकाला था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने बताया कि चांद के साउथ पोल के सबसे बड़े गड्ढों में से एक क्लेरियस क्रिएटर में पानी मिला है। ऐसे में नासा ने उम्मीद जताई है कि आने वाले भविष्य में चांद पर इंसान के बसने के चांस ज्यादा है।
चांद पर पानी की पुष्टि
जानकारी के लिए बता दें कि चांद पर पानी की ताजा खोज नासा के स्ट्रैटोस्फियर ऑब्जरवेटरी फॉर इंफ्रारेड एस्ट्रोनॉमी (SOFIA) ने की है। नासा ने पुष्टि करते हुए बताया कि चांद की सतह पर कई परीक्षणों के दौरान हाइड्रोजन की मौजूदगी का पता चला है। लेकिन तब हाइड्रोजन और पानी के निर्माण के लिए जरूरी अवयव हाइड्रॉक्सिल (OH) की गुत्थी नहीं सुलझा पाए थे। अब पानी मौजूद होने की पुष्टि हो चुकी है।
इसरो पहले ही कर चुका है चांद पर पानी की खोज
जानकारी के लिए बता दें कि नासा ही नहीं भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने भी चांद पर कई अपने उपकरण भेजे हैं। जिसमें चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 सबसे ज्यादा सामने आए। इस दौरान साल 2009 में चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर पानी होने की पुष्टि कर दी थी और अब चंद्रयान-2 का ऑरबिटर चांद की परिक्रमा लगा रहा है।
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