नेशनल कांफ्रेंस के नेता मुश्ताक अहमद शाह बुखारी ने पार्टी छोड़ी, फारूक अब्दुल्ला से इस मुद्दे पर हुई थी बहस

नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) के नेता मुश्ताक अहमद शाह बुखारी (Mushtaq Ahmed Shah Bukhari) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मुश्ताक अहमद शाह बुखारी ने पहाड़ी भाषी लोगों के लिए अनुसूचित जनजाति के दर्जे के मुद्दे पर फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) के साथ बहस के बाद नेशनल कांफ्रेंस पार्टी (National Conference Party) की मूल सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुंछ जिले के सुरनकोट से दो बार के पूर्व विधायक बुखारी ने रविवार को यहां पहाड़ी जनजाति एसटी फोरम के एक सम्मेलन की अध्यक्षता की थी, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना के साथ 350 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
बुखारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मैंने कहा था कि हम ऐसी किसी भी पार्टी का समर्थन करने से नहीं हिचकिचाएंगे जो समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की उसकी लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने में मदद करेगी। यह टिप्पणी नेशनल कांफ्रेंस के नेतृत्व को पसंद नहीं आई और मुझसे स्पष्टीकरण मांगा गया। पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्होंने एनसी अध्यक्ष अब्दुल्ला से उनके आवास पर मुलाकात की और इस मुद्दे पर उनके साथ बहस हुई।
मैंने वॉकआउट किया और पार्टी की मूल सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने कहा है कि जम्मू और कश्मीर में अगले विधानसभा चुनाव से पहले अनुसूचित जनजाति के दर्जे पर जोर देने के लिए पहाड़ी जनजाति एसटी फोरम के बैनर तले केंद्र सरकार से मिलने के लिए दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
बुखारी ने हाल ही में वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र सिंह राणा से मुलाकात की थी और पहाड़ी भाषी लोगों की मांगों के लिए उनका समर्थन मांगा था। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के छोटे भाई राणा ने पिछले साल अक्टूबर में पार्टी सहयोगी एस एस सलाथिया के साथ नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष (जम्मू) के पद से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे।
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