राष्ट्रीय महिला आयोग को गर्भवती महिलाओं की चिंता, कोरोना वायरस से रक्षा करने की मांग

राष्ट्रीय महिला आयोग को गर्भवती महिलाओं की चिंता, कोरोना वायरस से रक्षा करने की मांग
X
कोरोना महामारी के बीच कई जगहों पर अस्पतालों द्वारा मेडिकल सुविधाएं देने से इंकार करने की वजह से गर्भवती महिलाओं के जीवन पर लगातार बढ़ रहे मौत के खतरे से चिंतित और नाराज राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन को पत्र लिखकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।

कोरोना महामारी के बीच कई जगहों पर अस्पतालों द्वारा मेडिकल सुविधाएं देने से इंकार करने की वजह से गर्भवती महिलाओं के जीवन पर लगातार बढ़ रहे मौत के खतरे से चिंतित और नाराज राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन को पत्र लिखकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।

गौरतलब है कि भारत में कोरोना की विकराल चुनौती की वजह से अस्पतालों में एंबुलेंस से लेकर बेड को कोविड-19 से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए रिजर्व कर दिया गया है। जिससे बाकी बीमारियों से पीड़ित लोगों का इलाज करने के बजाय कोरोना मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर मेडिकल सुविधा प्रदान की जा रही हैं। ऐसे में कई बार गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं और कभी देरी से मिलने की वजह से उनकी और उनके नवजात शिशु की जान बचाना मुश्किल हो रहा है।

मिले एंबुलेंस, अलग बेड

एनसीडब्ल्यू के मुताबिक कोरोना संकट में गर्भवती महिलाओं को जरूरत के वक्त एंबुलेंस से लेकर अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है। कई मामलों में गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में बेड तक की सुविधा भी न देने की बात सामने आई है, जिसकी वजह महिलाओं और उनके नवजात बच्चों की मौत के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं।

ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों को तुरंत यह निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह गैर कोविड-19 एंबुलेंस सर्विस को शुरू करें, आवश्यकता पड़ने पर गर्भवती महिला के लिए अस्पताल में अलग से बेड की व्यवस्था करें। इसके अलावा गर्भवती महिला और उसके शिशु के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अलग से एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर की भी व्यवस्था करें।

योजनाओं की अनुपालना जरूरी

एनसीडब्ल्यू द्वारा पूर्व में भी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस संबंध में लिखित में सूचित किया जा चुका है। जिसमें संस्थागत डिलीवरी सिस्टम से जुड़ी हुई तमाम योजनाओं की धरातल पर उचित अनुपालना करने पर जोर दिया गया था। जिससे देश में मातृ और नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सके।

Tags

Next Story